हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,अरबईन के आगमन से ठीक पहले कर्बला की ओर जाने वाले रास्तों पर कई मुकिब सज चुके हैं जो ज़ायरीन की सेवा करके इराक में एक आध्यात्मिक और उत्साहपूर्ण माहौल बना रहे हैं।
अर्बइन शिया मुसलमानों के तीसरे इमाम सय्यदुश शोहदा (अ.स.) की शहादत के चालीसवा दिन है इमाम हुसैन अ.स.अमीरुल मोमिनीन हज़रत अली (अ.स.) और हज़रत फातिमा (स.ल.) के बेटे तथा पैगंबर मुहम्मद (स.ल.) के नवासे हैं जिन्हें कर्बला की धरती पर शहीद कर दिया गया।
अर्बइन ए हुसैनी के दिनों में कई शिया मुसलमान इराक की यात्रा करते हैं ताकि उनकी पवित्र मज़ार पर ज़ियारत कर सकें। यह समारोह एक निश्चित समय में दुनिया का सबसे बड़ा पैदल मार्च माना जाता है इस समारोह में भाग लेने वालों की संख्या 45 मिलियन से अधिक हो जाती है।
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