۱۳ تیر ۱۴۰۳ |۲۶ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 3, 2024
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हौज़ा/कर्बला में हज़रत इमाम हुसैन व उनके 72 साथियों का चेहलुम 7 सितंबर को पूरी दुनिया में मनाया जायेगा ऐसे में देश के विभिन्न जिलों से अजादारों का इराक स्थित कर्बला जाने का सिलसिला शुरू हो गया है शुक्रवार को नगर के बलुआघाट, सिपाह, पानदरीबा, पुरानी बाजार से दर्जनों लोगों का काफिला रवाना हुआ,

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,जौनपुर,कर्बला में हजरत इमाम हुसैन व उनके 71 साथियों का चेहलुम 7 सितंबर को पूरी दुनिया में मनाया जायेगा। ऐसे में देश के विभिन्न जिलों से अजादारों का इराक स्थित कर्बला जाने का सिलसिला शुरू हो गया है।

शुक्रवार को नगर के बलुआघाट, सिपाह, पानदरीबा, पुरानी बाजार से दर्जनों लोगों का काफिला रवाना हुआ इसी कड़ी में बलुआघाट शाही किले के पास से अंजुमन हुसैनिया के नौहाखां नवाज हसन मकबूल मंजिल से कुमैल मेंहदी, बलुआघाट से सैयद मेंहदी अब्बास, मीसम हैदर व सिपाह से सादिक रिज़वी रवाना हुए।

इससे पूर्व मकबूल मंजिल मे मजलिस हुई जिसको मौलाना मेराज हैदर खान ने खिताब करते हुए कहा कि इराक कर्बला में पूरी दुनिया से पांच करोड़ से ज्यादा लोग हजरत इमाम हुसैन व उनके 71 साथियों का चेहलुम मनाने के लिए इकट्ठा होते हैंं।

जिसमें शामिल होने के लिए हिन्दुस्तान से भी हजारों लोगों का काफिला रवाना होना शुरू हो गया। उन्होंने कहा कि वो बहुत खुशनसीब है जिन्हें कर्बला इमाम हुसैन के रौजे की ज्यारत करने का शरफ मिलता है साथ ही नजफ में मौला अली के रौजे की जियारत करने के लिए भी लोग पहुंचते हैं।

गौरतलब है कि कर्बला में हज़रत इमाम हुसैन व  उनके 71 साथियों को मुहर्रम की दस तारीख को यजीदी हुकूमत ने तीन दिन का भूखा प्यास शहीद कर उनके परिजनों को कैदी बनाकर कर्बला से कूफा, कू फा से मदीना ले जाया गया था जिसका मसायब सुनने के बाद दहाड़े मारकर रोने लगते हैं। सोचिए जब वोह लोग उन स्थानों पर पहुंचते होगें तो उनके दिलों पर क्या गुजरती होगी।

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