मंगलवार 5 अगस्त 2025 - 16:52
हलाल भोजन का आध्यात्मिक प्रभाव: एक सदाचारी विद्वान का चमत्कारिक प्रसंग

हौज़ा / प्रसिद्ध धार्मिक विद्वान आयतुल्लाह सैयद अबुलकासिम कोकबी तबरीज़ी ने एक आश्चर्यजनक घटना सुनाई है, जिसमें हलाल भोजन और परहेज़गारी की शक्ति ने प्राकृतिक व्यवस्था को प्रभावित किया और एक बस के टायर अचानक पंक्चर हो गए।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,प्रसिद्ध धार्मिक विद्वान आयतुल्लाह सैयद अबुलकासिम कोकबी तबरीज़ी ने एक आश्चर्यजनक घटना सुनाई है, जिसमें हलाल भोजन और परहेज़गारी की शक्ति ने प्राकृतिक व्यवस्था को प्रभावित किया और एक बस के टायर अचानक पंक्चर हो गए। 

यह घटना आयतुल्लाह स्वर्गीय सैयद अली असगर बाग़मिशाई के बारे में है जिन्होंने अपने जीवन में "इफ़्फ़ते बत्न" (पेट की पवित्रता) का इतना ध्यान रखा कि मेहमान नवाज़ी के सभी निमंत्रणों के बावजूद वे किसी भी संदिग्ध भोजन को नहीं खाते थे। वे हमेशा अपने साथ घर की बनी रोटी और पनीर ले जाते और उसी को खाते। यही सावधानी बाद में उनकी आध्यात्मिक शक्ति और तक़वा की नींव बनी। 

आयतुल्लाह कौकबी ने बताया कि एक बार वे अपने पिता के साथ मशहद से वापस आ रहे थे। जब वे शहर मियाना के पास पहुँचे, तो पिता ने ड्राइवर से नमाज़ के लिए रुकने का अनुरोध किया लेकिन ड्राइवर ने बार-बार मना कर दिया।

जब पिता ने गुस्से में सिर्फ एक वाक्य कहा,सुने दीरम साख़ला आख़ी(यानी:मैं तुमसे कह रहा हूँ, रुको!), तो उसी पल बस के चारों टायर एक के बाद एक पंक्चर हो गए धूल उड़ी और यात्रियों में डर फैल गया। 

ड्राइवर ने घबराकर माफ़ी माँगी और बताया कि उसके बगल में बैठा एक व्यक्ति उसे नमाज़ के लिए रुकने से रोक रहा था। बाद में सभी ने वुज़ू किया, नमाज़ पढ़ी, और पिता ने शांति से इबादत की। 

इस घटना से स्पष्ट होता है कि हलाल भोजन, तक़वा और इबादत में ईमानदारी इंसान को आध्यात्मिक स्थान प्रदान करती है, जो न केवल दिलों पर प्रभाव डालती है, बल्कि कभी-कभी प्रकृति के नियमों को भी बदल देती है। 

यह कहानी किताब दास्तानहाये अज़उलमा (लेखक: अलीरेज़ा ख़ातमी) से ली गई है, जो विद्वानों के जीवन और उनके चमत्कारों पर आधारित दिलचस्प और शिक्षाप्रद किस्सों से भरी है।

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