हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, आयतुल्लाह मुजतहेदी (स) ने अव्वल वक़्त नमाज के मस्अले पर अपने एक बयान में कहा:
यदि तुम्हारे पिता तुम्हें दोपहर को बुलाएँ और तुम हाँ कहो, तो वह कहेंगे: आओ! मुझे तुम से काम है।
परन्तु यदि तुम दोपहर के बाद जाओ और कहो कि पिता जी, जब आपने मुझे दोपहर को बुलाया तब आपको क्या काम था?
पिता कहेगें अब उत्तर देंगे? मैंने तुम्हें दोपहर बुलाया था।
नमाज़ भी ऐसी ही है; अर्थात्, अल्लाह दोपहर की शुरुआत में पुकारता हैं: "क़दका मतिस सलात"; लेकिन आप बाद मे पढ़ते हैं और कहते हैं: "अल्लाहो अकबर"।
आदाब अल तुल्लाब, पेज 380
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