हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , कर्बला मुअल्ला की पवित्र फ़िज़ाओं में इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के पवित्र रौज़े के निकट एक आध्यात्मिक नज़ारा देखने को मिला जहाँ मौलाना सैयद ज़हीर अली नजफी ने अहले सुन्नत ज़ायरीन के साथ मुहब्बत और भाईचारे की एक सभा आयोजित की।
इस मौके पर हर दिल से यह आवाज़ गूंज रही थी "अलहुसैन यजमआना... हुसैन सबको जोड़ते हैं।
मौलाना ने इस अवसर पर अहले बैत अलैहिस्सलाम की मुहब्बत के रौशन संदेश के साथ-साथ मुस्लिम उम्माह की एकता और नफ़रत व उग्रवाद के खिलाफ़ साझा कार्रवाई की ज़रूरत पर भी ज़ोर दिया।
उन्होंने कहा कि अहले बैत अलैहिस्सलाम की मुहब्बत वह केंद्र है जो हमें फूट से निकालकर एकता की मंज़िल तक पहुँचाती है।
अहले सुन्नत भाइयों ने इस संदेश की न सिर्फ़ सराहना की बल्कि यह वादा किया कि वे मिलकर, हाथों में हाथ डालकर, अहले बैत अलैहिस्सलाम की मुहब्बत को आम करेंगे और हुसैन अलैहिस्सलाम के नाम पर नफ़रतों को हराएंगे।
यह मौका एक जीवंत उदाहरण साबित हुआ कि इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम सिर्फ़ किसी एक ग्रुप के नहीं बल्कि सबके हैं और यही वह धुरी हैं जो दिलों को एक जगह जोड़ते हैं। आख़िर में दुआ की गई कि ख़ुदा हमें इसी हुसैन की मुहब्बत पर कायम रखे और इसी मुहब्बत पर हमारा अंत करे।
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