शुक्रवार 17 दिसंबर 2021 - 14:21
मोहब्बत और मवद्दत अहलेबैत अ.स. की स्वीकृत मान्यताओं में से एक है।

हौज़ा/ हुरमत और सम्मान मोहब्बत और मवद्दत अहलेबैत अ.स. का शुमार अहले सुन्नत के स्वीकृत मान्यताओं में से एक है। और अहलेबैत अलैहिस्सलाम का अपमान हराम और पाप है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,अहले सुन्नत के आलिमेंदीन और ईरान के शहर किरमानशाह में इमामें जुमआ मौलवी अब्दुल रहमान मुरादी का संदेश कुछ इस प्रकार है:


बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम,


وَاعْتَصِمُوا بِحَبْلِ اللَّهِ جَمِیعًا وَلَا تَفَرَّقُوا...


जाबिर इब्ने अब्दुल्लाह ने पैग़ंबरे इस्लाम स.ल.व.व.से रिवायत नकल किया हैं।
ऐ लोगों मैं तुम्हारे दरमियां दो गिरान कद्र चीजें छोड़ कर जा रहा हूं, उनसे हमेशा जुड़े रहना तो कभी भी गुमराह नहीं होगे और वह दो भारी चीज़ अल्लाह की पुस्तक और मेरे अहलेबैत अ.स.की मोहब्बत है।
यह रिवायत हज़रत रसूल अल्लाह स.ल.व.व. की सही रिवायत में से एक है, अहले सुन्नत के नज़दीक अहलेबैत अलैहिस्सलाम का मुकाम बहुत बुलंद है,
और बहुत सारी रिवायत में अहलेबैत अलैहिस्सलाम का रुतबा कुरान के बराबर करार दिया गया है, और उनका एहतेराम मोहब्बत
हुरमत और सम्मान मोहब्बत और मोव्द्दत अहलेबैत अ.स. का शुमार अहले सुन्नत के स्वीकृत मान्यताओं में से एक है। और अहलेबैत अलैहिस्सलाम का अपमान हराम और पाप है।
हमें यह ध्यान देना चाहिए कि शत्रु इस ताक में बैठा है कि शिया व सुन्नी उलेमा गलती करें तो इन के दरमियान मतभेद पैदा कर दे!
हर शिया सुन्नी उलेमा और विद्वानों को यह जानने की ज़रूरत है कि शत्रु को हराने के लिए एक साथ मिलकर सामने आने की ज़रूरत है।
और यह काम उस वक्त होगा जब आपस में इत्तेहाद होगा शिया सुन्नी उलेमा और विद्वानों के दरमियान यह उस वक्त होगा जो आपस में इत्तेहाद होगा,

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