हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , आग़ा सैय्यद बाकिर हुसैनी ने कहा कि असली ईमान वह है जिसमें इंसान की ज़िंदगी और व्यवहार से तौहीद झलकती हो, न कि दुनियावी शहवत धन और सत्ता को माबूद बना लिया जाए।
उन्होंने कहा कि मोमिन का चरित्र ऐसा हो कि दुश्मन भी देखकर यह कबूल करे कि यह आले मुहम्मद (अ.स.) का पैरोकार है, जैसा कि इमाम हसन अस्करी (अ.स.) ने इरशाद फ़रमाया,हमारे लिए ज़ीनत का कारण बनो, हमारे लिए बदनामी का कारण न बनो।
आग़ा सैय्यद बाकिर हुसैनी ने कहा कि इमाम हसन अस्करी (अ.स.) ने अपने छोटे किंतु ज्ञान से भरे जीवन में उम्मत को सब्र, तक़्वा और अमली दीनी (व्यावहारिक धार्मिकता) का पाठ दिया। अब्बासी शासकों की सख्त निगरानी के बावजूद, आपने अपने मानने वालों को कुरआन और अहले बैत (अ.स.) की शिक्षाओं से जोड़े रखा और हमेशा इस बात पर ज़ोर दिया कि शिया अपने चरित्र और कर्म से पहचाने जाएँ।
उन्होंने कहा कि आज उम्मत की ज़िम्मेदारी है कि ज़बानी दावों के बजाय अपने अख़लाक़ चरित्र और कर्म से यह साबित करे कि हम अहले बैत (अ.स.) के सच्चे अनुयायी हैं।
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