मंगलवार 2 सितंबर 2025 - 16:54
अल्लाह तआला की सबसे बड़ी नेमत; ईमान बिल्लाह है। आक़ा बाकिर अलहुसैनी

हौज़ा / हज़रत इमाम हसन अस्करी अ.स.की शहादत के अवसर पर स्कर्दू, बाल्तिस्तान की जामा मस्जिद में आयोजित मजलिस ए अज़ा से अंजुमन-ए-इमामिया बाल्तिस्तान के अध्यक्ष हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन आग़ा सैय्यद बाकिर हुसैनी ने संबोधित करते हुए कहा कि अल्लाह तआला की सबसे बड़ी नेमत ईमान बिल्लाह है, जो सिर्फ़ ज़बानी दावे से नहीं बल्कि चरित्र और कर्म से प्रकट होना चाहिए।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , आग़ा सैय्यद बाकिर हुसैनी ने कहा कि असली ईमान वह है जिसमें इंसान की ज़िंदगी और व्यवहार से तौहीद झलकती हो, न कि दुनियावी शहवत धन और सत्ता को माबूद बना लिया जाए।

उन्होंने कहा कि मोमिन का चरित्र ऐसा हो कि दुश्मन भी देखकर यह कबूल करे कि यह आले मुहम्मद (अ.स.) का पैरोकार है, जैसा कि इमाम हसन अस्करी (अ.स.) ने इरशाद फ़रमाया,हमारे लिए ज़ीनत का कारण बनो, हमारे लिए बदनामी का कारण न बनो।

अल्लाह तआला की सबसे बड़ी नेमत; ईमान बिल्लाह है। आक़ा बाकिर अलहुसैनी

आग़ा सैय्यद बाकिर हुसैनी ने कहा कि इमाम हसन अस्करी (अ.स.) ने अपने छोटे किंतु ज्ञान से भरे जीवन में उम्मत को सब्र, तक़्वा और अमली दीनी (व्यावहारिक धार्मिकता) का पाठ दिया। अब्बासी शासकों की सख्त निगरानी के बावजूद, आपने अपने मानने वालों को कुरआन और अहले बैत (अ.स.) की शिक्षाओं से जोड़े रखा और हमेशा इस बात पर ज़ोर दिया कि शिया अपने चरित्र और कर्म से पहचाने जाएँ।

उन्होंने कहा कि आज उम्मत की ज़िम्मेदारी है कि ज़बानी दावों के बजाय अपने अख़लाक़ चरित्र और कर्म से यह साबित करे कि हम अहले बैत (अ.स.) के सच्चे अनुयायी हैं।

अल्लाह तआला की सबसे बड़ी नेमत; ईमान बिल्लाह है। आक़ा बाकिर अलहुसैनी

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