हज़रत इमाम हसन अस्करी (अ.स.)
-
दिन की हदीस:
हज़रत इमाम हसन अ.स. की एक अहम नसीहत
हौज़ा / हज़रत इमाम हसन अ.स. ने एक रिवायत में अच्छे दोस्त बनाने की नसीहत की हैं।
-
सामर्रा में रोज़ेदारों के लिए इफ्तार का इंतजाम/फोटो
हौज़ा / इराक के शहर सामर्रा में रमज़ान उल मुबारक के मौके पर रोज़ेदारों के लिए इफ्तार का आयोजन
-
इस्लाम के बताए हुए रास्ते पर चलने की ज़रूरत हैं।हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन मौलाना वसी हसन खान
हौज़ा/हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन मौलाना वसी हसन खान ने कहा कि कर्बला में हज़रत इमाम हुसैन की शहादत ने हक और बातिल की पहचान कराई जिस तरह से हक की खातिर इमाम हुसैन सहित 72 लोगों ने शहादत देकर दीने इस्लाम को बचाया है आज उसी पर चलने की ज़रूरत है।
-
इमाम महदी अज्जलल्लाहो तआला फ़रजहुश्शरीफ़
हौज़ा / इमाम महदी (अ.त.फ़.श.) को केवल शिया ही नहीं, बल्कि सुन्नी भी मानते हैं। यहां तक कि गैर-मुस्लिम भी मानते हैं कि अंतिम दिनों में, जब दुनिया उत्पीड़न और अन्याय से भर जाएगी, वह वही होगा जो मानवता को बचाएगा।
-
धूमधाम के साथ मनाया गया हज़रत इमाम हुसैन अ.स.का जन्मदिन
हौज़ा/शाबान महीने के 3 तारीख को हज़रत मोहम्मद मुस्तफा स.अ के नवासे व हज़रत अली अ.स. के पुत्र हज़रत इमाम हुसैन अ.स. के जन्मदिवस पर बुधवार को नगर में कई स्थानों पर शरबत की सबील, फल ,मिठाईयां व अन्य सामान लोगों में वितरित कर आपसी भाईचारे का परिचय देते हुए हर्षोल्लास के साथ जन्मदिन मनाया गया।
-
दिन की हदीस:
एख्लास की अहमियत
हौज़ा/हज़रत इमाम हसन अस्कारी अलैहिस्सलाम ने एक रिवायत में एख्लास की अहमियत को बयान फरमाया हैं।
-
दिन की हदीस:
बहुत बड़ी शराफत और फज़ीलत
हौज़ा/हज़रत इमाम हसन अ.स. ने एक रिवायत में बहुत बड़ी शराफत और फज़ीलत की ओर इशारा किया हैं।
-
:दिन कि हदीस
ऐसे लोगों पर ज़ुल्म ना करो!
हौज़ा/हज़रत इमाम हुसैन अ.स. ने एक रिवायत में बेसहारा और बे मददगार पर ज़ुल्म करने से खबरदार किया हैं।
-
:दिन कि हदीस
हज़रत इमाम हसन अस्करी अलैहिस्सलाम की नज़र में बेहतरीन भाई
हौज़ा/हज़रत इमाम हसन अस्कारी अलैहिस्सलाम ने एक रिवायत में बेहतरीन भाई की पहचान कराई हैं।
-
हज़रत इमाम हसन अस्करी अलैहिस्सलाम की शहादत पर कुम अलमुकद्देसा में अज़ादारी का मंजर/फोंटो
हौज़ा/हज़रत मासूम स.ल. की बारगाह में हज़रत इमाम हसन असकरी अलैहिस्सलाम की शहादत का पुरसा पेश करते हुए ज़ायरीन
-
हज़रत इमाम हसन अस्करी अ.स. के बाद सामने आने वाले फ़िर्क़े
हौज़ा/इतिहासकारों ने लिखा है कि इमाम हसन असकरी अ.स. की शहादत के बाद लोग 14 या 15 फ़िर्क़ों में बंट गए, कुछ इतिहासकारों के अनुसार 20 फ़िर्क़ों में बंट जाने तक का ज़िक्र मौजूद है।
-
खराब माहौल में इमाम हसन असकरी अ.स. की अहम गतिविधियां
हौज़ा/हज़रत इमाम हसन असकरी अ.स. द्वारा यह अहम काम विशेष कर उस दौर में किए गए जब आख़िरी इमाम अ.स. की ग़ैबत का समय शुरू होने वाला था, तभी इमाम अ.स. ने अपने चाहने वालों को पैग़ाम दिया कि उन से सीधे मुलाक़ात के बजाए उनके वकीलों से मुलाक़ात कर के अपने सवाल और अपनी ज़रूरतें इमाम अ.स. तक पहुंचाएं ताकि धीरे धीरे लोगों के दिमाग़ में वकालत की अहमियत रौशन हो जाए
-
हज़रत इमाम हसन असकरी का हौसला देने वाला ख़त
हौज़ा/इमाम अस्करी अलैहिस्सलाम एक ख़त में उनसे फ़रमाते हैं हमारी नीयत और हमारा इरादा मज़बूत है हमारा दिल तुम्हारी अच्छी नीयत और अच्छी सोच की ओर से मुतमइन है।देखिए यह बात शियों को कितनी ताक़त देने वाली हैं।
-
:दिन कि हदीस
तमाम बुराइयों की कुंजी
हौज़ा/हज़रत इमाम हसन अस्कारी अलैहिस्सलाम ने एक रिवायत में तमाम बुराइयों की कुंजी की ओर इशारा किया हैं।
-
हज़रत इमाम हसन असकरी अलैहिस्सलाम की शहादत के मौके पर संक्षिप्त परिचय
हौज़ा/शियों के गयारहवें इमाम हज़रत इमाम हसन असकरी अ.स. 232 हिजरी में मदीना शहर में पैदा हुए चूंकि आप भी अपने वालिद इमाम अली नक़ी अ.स. की तरह सामर्रा के असकर नामी इलाक़े में मुक़ीम थे इसलिए आप असकरी के नाम से मशहूर हुए, आपकी कुन्नियत अबू मोहम्मद और मशहूर लक़ब नक़ी और ज़की है, आपने 6 साल इमामत की ज़िम्मेदारी संभाली और 28 साल की उम्र में मोतमद अब्बासी के हाथों शहीद हो गए।
-
तस्वीरे / इमाम हसन असगरी (अ) की शहादत पर इमाम ज़मान (अ) को पुरसा देने तीर्थयात्री बड़ी संख्या में सामर्रा पहुंचे
हौज़ा / इमाम हसन असकरी (अ) की शहादत का दिन नजदीक है, इराक और दुनिया भर से तीर्थयात्री अपने इमाम ज़मान (अ) को उनके वालिद माजिद का पुरसा देने और गम मनाने के लिए समारा की ओर जा रहे हैं।
-
हज़रत इमाम हसन अ.स. की सरदारी
हौज़ा/माविया ने जैसे ही माहौल को अपने हित में पाया तुरंत इमाम अ.स. के सामने सुलह की पेशकश की, इमाम हसन अ.स. ने इस बारे में अपने सिपाहियों से मशविरा करने के लिए एक ख़ुत्बा दिया और उन लोगों के सामने दो रास्ते रखे या माविया से जंग कर के शहीद हो जाएं या सुलह कर के अहलेबैत अ.स. के सच्चे चाहने वालों की जान को बचा लिया जाए
-
हज़रत इमाम हसन अ.स. की शहादत के मौके पर संक्षिप्त परिचय
हौज़ा/हज़रत इमाम हसन अ.स. ने अपने वालिद इमाम अली अ.स. की शहादत के बाद ख़ुदा के हुक्म और इमाम अली अ.स. की वसीयत के मुताबिक़ इमामत और ख़िलाफ़त की ज़िम्मेदारी संभाली और लगभग 6 महीने तक मुसलमानों के मामलात को हल करते रहे।
-
अरबईन के मौके पर ईसाई मौकिब द्वारा ज़ायरीन की खिदमत करते हुए
हौज़ा/कर्बला और नजफ के रास्ते में एक ईसाई मौकिब द्वारा हज़रत इमाम हुसैन अ.स के चेहलूम के मौके पर ज़ायरीन की सेवा करते हुए
-
ज़ियारत ए अरबईन की अहमियत
हौज़ा/इमाम हसन असकरी अ.स. ने फ़रमाया पाँच चीज़ें मोमिन और शियों की निशानी हैं उन्हें में से एक ज़ियारते अरबईन इमाम हुसैन अ.स.चेहलुम के दिन की ज़ियारत हैं।
-
हज़रत इमाम हुसैन अ.स. के अख़्लाक़ी सिफ़ात
हौज़ा/शेख़ अबू मोहम्मद हसन इब्ने अली इब्ने शोअबा अपनी किताब तोहफ़ुल उक़ूल में में नक़्ल करते हैं अनसार में से एक शख़्स इमाम हुसैन अ.स. के पास आया और उनसे अपनी हाजत तलब करना चाहता था, इमाम ने उससे फ़रमाया, ए भाई अपनी इज़्ज़त का ख़्याल रखो, अपनी ज़रूरत को लिख कर मुझे दो इंशा अल्लाह मैं तुमको इतना अता करूंगा कि तुम राज़ी रहोगे। इमाम के उन्हें सिफत में से यह एक हैं।
-
हज़रत इमाम हुसैन अ.स.के बताए हुए रास्ते पर चलने का नाम ही कामयाबी हैं
हौज़ा/शाहगंज जौनपुर ,नगर के मोहल्ला नई आवादी मे स्थित अजाखाना वकील अहमद मरहुम में मजलिस के बाद शबीहे अलम व शबीहे ज़ुलजना बरामद हुआ जुलूस से पहले मौलाना खिताब फरमाते हुए कहा कि इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के बताए हुए रास्ते पर चलने का नाम ही कामयाबी हैं।
-
:दिन कि हदीस
शालीनता और विनम्रता की अलामत
हौज़ा/हज़रत इमाम हसन अस्करी अलैहिस्सलाम ने एक रिवायत में शालीनता और विनम्रता की अलामत की ओर इशारा किया हैं।
-
हज़रत इमाम हुसैन अ.स. के हरम में उपस्थिति एक अद्भुत आध्यात्मिक अनुभव था
हौज़ा/इराक में संयुक्त राष्ट्र महासचिव के विशेष प्रतिनिधि जेनिन हेंनिस प्लासहार्ट जिन्होंने हाल ही में हरमे हुसैनी का दौरा किया और एक पत्र में इस हरम के अधिकारियों के आतिथ्य के लिए अपनी प्रशंसा व्यक्त किया हैं।
-
दिन की हदीसः
बा अदब बनने का तरीक़ा
हौज़ा / हजरत इमाम हसन अस्करी (अ) ने एक रिवायत में बा अदब बनने का तरीका बताया है।
-
हज़रत इमाम हसन अस्करी अलैहिस्सलाम के जन्मदिन के अवसर पर संक्षिप्त परिचय
हौज़ा / हज़रत इमाम हसन अस्करी अ.स. 8 रबीउल अव्वल सन 260 हिजरी हज़रत इमाम हसन अस्करी अलैहिस्सलाम की शहादत का दिन है उन्होंने अपनी 28 साल की ज़िन्दगी में दुश्मनों की ओर से बहुत से दुख उठाए और तत्कालीन अब्बासी शासक ‘मोतमद’ के हाथों इराक़ के शहर सामर्रा में ज़हर से आठ दिन तक पीड़ा सहने के बाद शहीद हो गए
-
विलादते इमाम हसन असकरी अलैहिस्सलाम पर अमरावती मे जश्ने मसर्रत का आयोजन
हौज़ा / महाराष्ट्र के अमरावती मे मोमेनीने अमरावती ने इमाम हसन असकरी अलैहिस्सलाम की विलादत पर जश्न मनाया|
-
:दिन कि हदीस
विनम्रता और अनिच्छा हज़रत इमाम हसन अस्करी अ.स. कि नज़र में
हौज़ा/हज़रत इमाम हसन अस्करी अलैहिस्सलाम ने एक रिवायत में विनम्रता और अनिच्छा रखने वाले की खुसूसियत की ओर इशारा किया हैं।
-
हज़रत इमाम हसन अस्करी अलैहिस्सलाम की शहदत पर संक्षिप्त परिचय
हौज़ा / हज़रत इमाम हसन अस्करी अ.स. 8 रबीउल अव्वल सन 260 हिजरी हज़रत इमाम हसन अस्करी अलैहिस्सलाम की शहादत का दिन है उन्होंने अपनी 28 साल की ज़िन्दगी में दुश्मनों की ओर से बहुत से दुख उठाए और तत्कालीन अब्बासी शासक ‘मोतमद’ के हाथों इराक़ के शहर सामर्रा में ज़हर से आठ दिन तक पीड़ा सहने के बाद शहीद हो गए
-
हज़रत इमाम हसन अ.स. की शहादत कि मुनासेबत पर निकाला गया जुलूस
हौज़ा/हज़रत पैगंबर इस्लाम मोहम्मद ए मुस्तफा स.अ. और इमाम हसन अ.स. की शहादत पर कर्बला सिविल लाइंस में नाना नवासे का मातम,निकला गया अलम व ताबूत का जुलूस, अज़ादारो ने पेश किया आंसुओ का नज़राना,मौलाना हिलाल ने मजलिस के कहा;मोहम्मद स.अ.के किरदार व अख़लाक की देन है जो 23 साल की तबलीग में इस्लाम पूरी दुनिया में फैल गया।