गुरुवार 4 सितंबर 2025 - 08:47
आज के तालिबे इल्म इमाम ए ज़माना अ.ज. के सच्चे सिपाही बनें

हौज़ा / आयतुल्लाह फ़ाज़िल लंकरानी ने वर्तमान समय में हौज़ा ए इल्मिया की ज़िम्मेदारियों के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा, जो तालिबे इल्म ग़ैबत के दौरान आल-ए-मुहम्मद स.अ.व. के अनाथों की क़िफालत करता है, उसका क़यामत में एक उच्च स्थान होगा और यह एक बहुत बड़ा मिशन है जो उसे इमाम ए ज़माना अ.ज.का सच्चा सिपाही बना सकता है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , मशहद। आयतुल्लाह मुहम्मद जवाद फ़ाज़िल लंकरानी, प्रमुख मर्कज़े फ़िक़्ही अइम्मा अतहर अ.स. ने अपनी मशहद यात्रा के दौरान हमतबाद स्थित मदरसा ए इल्मिया हज़रत सैय्युश शोहदा अ.स. का दौरा किया।

इस मौक़े पर उन्होंने मदरसे की तरक़्क़ी और व्यापक गतिविधियों पर खुशी ज़ाहिर करते हुए कहा, हालाँकि इस संस्थान को स्थापित हुए ज़्यादा समय नहीं हुआ है, लेकिन खुदा की मेहरबानी से एक तालिबे इल्म के इल्मी अख़लाक़ी, सियासी (राजनीतिक) और तबलीग़ी विकास के लिए जो कुछ भी ज़रूरी है, वह सब कुछ इस इल्मी और रूहानी माहौल में मुहैया है।

जामिया मुदर्रिसीन हौज़ा ए इल्मिया, क़ुम के सदस्य ने खुरासान के हौज़ा ए इल्मिया के बड़े आलिमों में से एक आयतुल्लाह सैयदान की तारीफ़ करते हुए इस मदरसे पर उनकी निगरानी की अहम भूमिका को याद किया और कहा, हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन अरबशाही और उनके साथी एक मुकम्मल, पुख़्ता, तजुर्बे पर आधारित और हिक्मत भरे कार्यक्रम के साथ तालिबे इल्म की तरबियत के रास्ते को पूरी लगन के साथ आगे बढ़ा रहे हैं जो क़ाबिल ए तारीफ़ है।

मर्कज़े फ़िक़्ही अइम्मा अतहर अ.स.के प्रमुख ने इस मदरसे के मौजूदा और भावी तालिबे इल्म को संबोधित करते हुए कहा,तालिबे इल्म को इस मदरसे के रूहानी और इल्मी माहौल का पूरा फ़ायदा उठाना चाहिए और हर एक को खुद को इमाम-ए-ज़माना (अ.ज.) का सच्चा सिपाही और दीन के एक बुलंद परचम के तौर पर तैयार करना चाहिए जैसा कि रिवायतों में आया है कि वह फक़ीह जिसे क़ियामत में बुलंद मुक़ाम हासिल होगा, वह है जो दौरे ग़ैबत में आल ए मुहम्मद (स.अ.व.) के अनाथों की क़िफालत का ज़िम्मा संभालता है और यह एक तालिबे इल्म के लिए सबसे बड़े इफ्तेफ़ार में से एक है।

आयतुल्लाह फ़ाज़िल लंकरानी ने इस मदरसे की बुनियाद रखने और इसे चलाने वालों के लिए दुआ करते हुए कहा, मेरी उम्मीद है कि अल्लाह तआला इस मैदान के सभी ख़ादिमों को रोज़-ब-रोज़ बढ़ती तौफ़ीक़ अता फ़रमाए।

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