सोमवार 8 सितंबर 2025 - 13:55
शिया और सुन्नी इस्लाम के दो बाजू हैं, इनमें जो फूड डालें उनका इस्लाम से कोई ताल्लुक नहीं है

हौज़ा / अल्लामा अशफ़ाक़ वहिदी ने कहा, हज़रत इमाम खुमैनी र.ह.के फरमान के अनुसार, ईद-ए-मिलादुन नबी सल्लल्लाहु अलैहि वआलिहि वसल्लम को हफ्ता-ए-वहदत घोषित किया गया ताकि शिया और सुन्नी मिलकर इस्लाम के दुश्मनों का मुकाबला करें।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , अल्लामा अशफाक वाहिदी ने अपने एक संदेश में सभी मुसलमानों को ईद-ए-मिलाद पर मुबारकबाद दी और कहा शिया और सुन्नी इस्लाम के दो बाजू हैं, इनमें जो फूड डालें उनका इस्लाम से कोई ताल्लुक नहीं है।

उन्होंने कहा कि आज के दौर में साम्राज्यवादी ताक़तें इस्लाम के खिलाफ प्रोपेगंडा कर सभी इस्लामी ताक़तों को कमजोर करना चाहती हैं।

आल्लमा अशफ़ाक़ वहिदी ने कहा कि हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वआलिहि वसल्लम हमेशा अपनी उम्मात को जोड़ने और अच्छे अख़लाक को बढ़ावा देने के लिए मेहनत करते रहे। पैगंबर ने ऐसे सुनहरे सिद्धांत बताए जिन पर हर मुसलमान अमल कर सफल ज़िंदगी बिता सकता है।

उन्होंने वैश्विक हालात पर टिप्पणी करते हुए कहा कि ग़ाज़ा और फ़िलिस्तीन पर इज़राइली आक्रामकता खुले तौर पर आतंकवाद है, और वैश्विक संगठन और मानवाधिकार संस्थाएं इस इज़राइली आतंकवाद को रोकने के लिए अपना कर्तव्य निभाएं।

आल्लामा अशफ़ाक़ वहिदी ने आगे कहा कि सभी मतों के उलेमा पैगंबर की सीरत और इस्लामी ज्ञान को आम लोगों तक पहुँचाने का अपना फर्ज़ अदा करें ताकि उम्मत-ए-वहदत की सच्ची तस्वीर सामने आए।

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