हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत मे सर्वोच्च नेता के प्रतिनिधि हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन अब्दुल मजीद हकीम इलाur ने क़ुम मे हौज़ा ए इल्मिया शहीद सालिस का विशेष दौरा कर छात्रों को संबोधित किया। सत्र की शुरुआत पवित्र कुरान की तिलावस से हुई। प्रतिष्ठित छात्र, वजाहत ने अपनी मनमोहक आवाज़ में कुरान की तिलावत करने का सम्मान प्राप्त हुआ।
इस सभा में, सय्यद हमज़ा ज़ैदी ने पवित्र पैग़म्बर (स) की प्रशंसा में भावपूर्ण कविताएँ प्रस्तुत कीं, जबकि मदरसा शहीद सालिस (र) के सरूद समूह ने इमाम ज़मान (अज़्ज़.) की शान में सुंदर और भावुक शब्द प्रस्तुत किए, जिससे सभा और भी ज्ञानवर्धक हो गई।
बाद में, मदरसे के प्रधानाचार्य, हुज्जत-उल-इस्लाम वा मुस्लेमीन जोयबारी ने सभा को संबोधित किया और मदरसा शहीद सालिस (र) की शैक्षणिक, धार्मिक और शैक्षिक सेवाओं पर प्रकाश डाला।
उन्होंने बताया कि अपनी स्थापना के बाद से, इस मदरसे ने शिक्षा और प्रशिक्षण, नैतिकता और चरित्र, तथा धार्मिक जागरूकता के क्षेत्र में एक प्रमुख स्थान प्राप्त किया है, जहाँ भारत के विभिन्न शहरों से आने वाले छात्र अपनी शैक्षणिक प्यास बुझाते हैं और खुद को भविष्य के प्रचारक और धर्म के सेवक के रूप में तैयार करते हैं।
समारोह के दौरान, छात्रों और संकाय सदस्यों ने भारत मे सर्वोच्च नेता पूर्व प्रतिनिधि हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन हाजी महदी महदवीपुर की ईमानदारी, समर्पण, पितृतुल्य करुणा और करुणामय मार्गदर्शन को सराहा गया। सभी ने उनकी सेवाओं को इतिहास के स्वर्णिम पन्नों में गिना और अल्लाह से उनके उत्तम स्वास्थ्य, सुरक्षा और अधिक सफलता की कामना की। साथ ही, भारत मे सर्वोच्च नेता के वर्तमान प्रतिनिधि हुज्जतुल इस्लाम वल-मुस्लेमीन हकीम इलाही की उपस्थिति पर हार्दिक आभार और प्रसन्नता व्यक्त की गई।
अपने समापन भाषण में, डॉ. हकीम इलाही ने छात्रों को बहुमूल्य और व्यावहारिक निर्देश दिए।
उन्होंने कहा, "हे प्यारे विद्यार्थियों! आप दुनिया के आठ अरब तिहत्तर करोड़ लोगों में से चुने हुए लोग हैं, जिन्हें अल्लाह तआला ने अपनी विशेष कृपा से इस्लाम धर्म की सेवा के लिए चुना है। यह एक महान ईश्वरीय आशीर्वाद है, इसकी कद्र करो और अपनी हर साँस ईश्वर, धर्म और इमाम-ए-अस्र (अ) की प्रसन्नता के लिए समर्पित करो।"
उन्होंने आगे कहा, "याद रखो! तुम सिर्फ़ एक विद्यार्थी नहीं, बल्कि एक भावी नेता, उपदेशक और धर्म के सच्चे सिपाही हो। तुम्हारी ज़िम्मेदारी सिर्फ़ ज्ञान प्राप्त करने तक ही सीमित नहीं है, बल्कि अपने चरित्र, धर्मपरायणता, धैर्य और सेवा के माध्यम से इमाम-ए-अस्र (अ) के सच्चे सिपाही बनने तक है। इमाम की जीत सिर्फ़ शब्दों या प्रार्थनाओं से नहीं, बल्कि कर्म, सेवा और ईमानदारी से होती है। इमाम-ए-अस्र (अ) हम सब पर नज़र रख रहे हैं और तुम विद्यार्थी उनकी सेना के अग्रदूत हो। इस ज़िम्मेदारी को हमेशा अपने दिलों में ज़िंदा रखो।"
मदरसा शहीद सालिस के भविष्य के प्रति अपनी दृढ़ता और संकल्प व्यक्त करते हुए, हुज्जतुल इस्लाम हकीम इलाही ने कहा, "जिस प्रकार हुज्जतुल इस्लाम अकाए महदवीपुर ने मदरसा शहीद सालिस की सेवा में अपना बहुमूल्य प्रयास समर्पित किया है, उसी प्रकार मैं भी इस शैक्षिक और प्रशिक्षण केंद्र की सेवा में अपनी पूरी ऊर्जा लगाऊँगा। यह मदरसा केवल एक विद्यालय नहीं, बल्कि आस्था और अंतर्दृष्टि का एक गढ़ है, जहाँ से भविष्य के सुधारक, उपदेशक और नेता तैयार होंगे।"
भारत मे सर्वोच्च नेता के प्रतिनिधि ने अपने दौरे के दौरान मदरसे के विभिन्न हिस्सों का दौरा किया, जिसमें छात्रावास, कक्षाएँ और प्रशिक्षण क्षेत्र शामिल थे।
उन्होंने छात्रों की स्थिति, उनके शैक्षिक और नैतिक वातावरण और उनके दैनिक जीवन का बारीकी से अवलोकन किया और मदरसे के अधिकारियों के साथ विस्तृत चर्चा भी की।
यह ज्ञानवर्धक और आध्यात्मिक समागम अत्यंत आध्यात्मिक वातावरण में संपन्न हुआ। अंत में, यह प्रार्थना की गई कि अल्लाह हौज़ा ए इल्मिया शहीद सालिस के छात्रों को धर्म का सर्वश्रेष्ठ सेवक बनाए, उनके दिलों में अहले बैत (अ) के प्रति प्रेम और इमाम अस्र (अ) के प्रति समर्थन की भावना को जीवित रखे, और उन्हें दृढ़ता और सफलता प्रदान करे।
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