हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,क़ायद ए मिल्लत जाफ़रिया पाकिस्तान अल्लामा सैयद साजिद अली नक़वी ने ब्रिटेन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया समेत अन्य देशों द्वारा फिलिस्तीन को एक राज्य के रूप में मान्यता देने पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा, मजलूम फिलिस्तीनी शहीदों का खून रंग ला रहा है और विश्व की अंतरात्मा को मजबूर कर रहा है।
उन्होंने कहा, कुछ पश्चिमी देश अब फिलिस्तीन को एक राज्य के रूप में मान्यता दे रहे हैं, जिन्होंने गाज़ा पर जुल्म की कयामत बरपाने तक नाजायज़ सियोनिस्ट राज्य इजरायल को अस्तित्व दिया, पाला पोसा और मध्य पूर्व के दिल में घुसे इस ख़बीस पेड़ की सिंचाई करते रहे।
हालांकि यह सतही तौर पर खुशी की बात है और मजलूमों की कुर्बानियों का शुरुआती नतीजा है, लेकिन दुनिया यह याद रखे कि जुल्म और अत्याचार के पीछे असली प्रेरक और दोषी यही साम्राज्यवाद है।
क़ायद ए मिल्लत जाफ़रिया पाकिस्तान ने कहा, फिलिस्तीनियों की नरसंहार के विरोध में आवाज़ उठाने वाले देश भी अब आगे आएं। साम्राज्यवादी बैंकों से अपनी पूंजी निकालें, अपने राजदूतों को वापस बुलाएं और साम्राज्यवादी व इजरायली उत्पादों का पूरी तरह बहिष्कार करें।
उन्होंने आगे कहा,यह फिलिस्तीनियों की लगातार जद्दोजहद गाजा के मजलूमों के मुकाम की जीत है कि आज वे देश जो कल तक नाजायज़, ग़ासिब सियोनिस्ट राज्य को पाल-पोस रहे थे, आज उस जालिम व ग़ासिब राज्य के जुल्मों पर न सिर्फ़ चीख़ उठे हैं, बल्कि अब वे फिलिस्तीन को एक राज्य के रूप में मान्यता दे रहे हैं।
यह सतही तौर पर खुशी की बात है, लेकिन न सिर्फ़ इन देशों को अपने अतीत की भूमिका पर माफ़ी मांगनी चाहिए, बल्कि ग़ासिब राज्य का हाथ रोकने के लिए ज़बानी जमाखर्च के अलावा व्यावहारिक तौर पर भी आगे बढ़ना चाहिए।
अल्लामा सैयद साजिद नकवी ने आगे कहा,सभी देश जो एक अरसे से मजलूम इंसानों के कत्लेआम पर सरापा एहतेजाज पूरी तरह विरोध कर रहे हैं नरसंहार पर शोक मना रहे हैं, अब वे देश भी आगे बढ़ें, क्योंकि इस ग़ासिब सियोनिज़्म के पीछे असली प्रेरक और जुल्मों का असली दोषी साम्राज्यवाद ही है।
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