मंगलवार 23 सितंबर 2025 - 22:54
अक्ली उलूम के बगैर संदेहों और शंकाओं का जवाब देना असंभव है

हौज़ा / हौज़ा ए इल्मिया की उच्च परिषद के सेकंड सेक्रेटरी ने हौज़ात इल्मिया में अक़्ली विज्ञानों की अहमियत पर ज़ोर देते हुए कहा, आज जो दर्जनों शक़ और सवाल सोशल मीडिया पर मज़हब के खिलाफ उठाए जाते हैं उनका जवाब बिना तर्कशील विज्ञानों के मुमकिन नहीं है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , हौज़ा ए इल्मिया की उच्च परिषद के सेकंड सेक्रेटरी आयतुल्लाह हाज शेख़ जवाद मरवी ने एक मोज़्तमई शहीद सदूकी (रह.) एवं मोज़्तमई आली तर्बियत, के वार्षिक शैक्षणिक आरंभ समारोह को संबोधित करते हुए कहा, हौज़ात इल्मिया की संगठन और संरचना एक ऐसे खास सिस्टम की मिसाल है जिसकी उम्र एक हज़ार साल से भी अधिक है।

उन्होंने उलमा और रूहानियत की शिया धर्म की तब्लीग में की गई कोशिशों की ओर इशारा करते हुए कहा,शिया रूहानियत ने अपनी जिम्मेदारियां निभाते हुए मज़हब को आगे बढ़ाया और दुनिया में एक छोटी संख्या को उस विस्तार तक पहुंचाया जिसे हम आज देख रहे हैं।

अक्ली उलूम के बगैर संदेहों और शंकाओं का जवाब देना असंभव है

आयतुल्लाह मरवी ने आगे कहा,हौज़ात ए इल्मिया शिया इतिहास और शिया धर्म के विस्तार में एक चमकदार इतिहास है और आज हमारी जिम्मेदारी है की तबीलीग करें और मज़हब से जुड़े शक़ों को दूर करें।

उन्होंने कहा,उलमा की जिम्मेदारी बहुत गंभीर है और जितना हौज़ात ए इल्मिया तरक्की करेगा और हज़रत इमाम ज़माना अ.स. के लिए सफल सैनिक तैयार करेगा, उतना ही दुनिया में हमारा प्रभाव और बढ़ेगा।

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