हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , यमन के अंसारुल्लाह आंदोलन के नेता सैयद अब्दुल मलिक बदरुद्दीन हौसी ने अपने साप्ताहिक भाषण में कहा,लगभग दो वर्षों से इस्राइली दुश्मन ग़ाज़ा की जनता के ख़िलाफ़ बर्बर हमले और नरसंहार कर रहा है।
यह दुश्मन अपने हमलों को और तेज कर रहा है। ग़ाज़ा शहर पर हमलों के साथ-साथ लोगों को भूखा रखने, घेराबंदी करने और प्यासा रखने जैसे अत्याचार भी जारी हैं जिससे जनता की मुश्किलें दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही हैं।
उन्होंने कहा,इस्राइली दुश्मन ऐसे अपराधों पर अड़ा हुआ है जो अब पूरी दुनिया के सामने उजागर हो चुका हैं और जिनकी निंदा हो रही है। उसकी यह गुस्ताख़ी अमेरिका की साझेदारी और समर्थन के कारण है।
जितना अधिक विश्व उसका विरोध करता है और इन भयानक अपराधों पर शर्मिंदगी ज़ाहिर करता है, उतना ही अमेरिका उसका समर्थन करता है। इसी हफ्ते अमेरिकी दुश्मन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में उस प्रस्ताव को वीटो कर दिया, जो युद्धविराम और ग़ाज़ा पर इस्राइली पाबंदियों को हटाने की मांग कर रहा था।
इसी समर्थन का हिस्सा है वह अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल, जिसमें 250 कांग्रेस सदस्यों ने इस्राइल जाकर उसके अपराधों का खुला समर्थन किया।
अब्दुल मलिक बदरुद्दीन ने कहा,इस्राइली दुश्मन ने नए यहूदी वर्ष के मौके पर मस्जिद ए अल-अक्सा पर हमले बढ़ा दिए हैं और अल-क़ुद्स (यरूशलम) के लोगों पर दबाव और ज़्यादा कर दिया है। वह पश्चिमी तट वेस्ट बैंक में अपनी हमलावर और कब्ज़ा करने की नीति जारी रखे हुए है।
खासतौर पर उसका ध्यान 'अल-ख़लील शहर' पर है ताकि वह उस पर पूरी तरह कब्ज़ा कर सके, क्योंकि अल-ख़लील फ़िलिस्तीन का दूसरा सबसे पवित्र शहर है। इस्राइली दुश्मन धीरे-धीरे पूरे वेस्ट बैंक पर क़ब्ज़ा करना चाहता है। भले ही उसका प्रभाव पहले से ही वहां है, लेकिन वह पूर्ण नियंत्रण चाहता है।
उन्होंने आगे कहा,ग़ाज़ा में मुजाहिदीनों की कार्रवाइयाँ उन मुस्लिम देशों और शासन के खिलाफ़ एक बड़ा सबूत हैं, जिन्होंने इनका साथ देने के बजाय इनकी पीठ में छुरा घोंपा और इस्राइली दुश्मन के अपराधों में भागीदार बने।
जब कुछ लोग हल्के और मध्यम हथियारों को हटाने की बात करते हैं, तो दूसरी तरफ अमेरिका इस्राइली दुश्मन को घातक हथियारों की अंतहीन सप्लाई भेज रहा है।
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