हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, हिंदुस्तान में वली-ए-फ़क़ीह के प्रतिनिधि हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन डॉक्टर अब्दुल मजीद हकीम इलाही ने अपने हैदराबाद के दौरे के मौक़े पर "दफ़्तर जमाअत-ए-इस्लामी हिंद हल्का तेलंगाना, लकड़कोट" का विज़िट किया। इस मौक़े पर उन्होंने हल्का जमाअत-ए-इस्लामी हिंद तेलंगाना के सरबराह जनाब मोहम्मद अज़हरुद्दीन, जमाअत के दूसरे ज़िम्मेदारान और "स्टूडेंट्स इस्लामिक ऑर्गनाइज़ेशन ऑफ़ इंडिया (SIO) तेलंगाना" के नमाइंदों से मुलाक़ात की।
जनाब मोहम्मद अज़हरुद्दीन ने वफ़्द का इस्तक़बाल किया और जमाअत-ए-इस्लामी हिंद की सरगर्मियों का तआरुफ़ करवाते हुए कहा कि जमाअत-ए-इस्लामी हिंद पिछले 75 सालों से ज़्यादा अर्से से मुल्क में इक़ामत-ए-दीन के कामों में मसरूफ़-ए-अमल है और दावत, इस्लाह-ए-माशरा, तज़किया व तर्बियत और ख़िदमत-ए-ख़ल्क़ के मैदानों में काम अंजाम दिए जा रहे हैं। इस मौक़े पर डॉ. अब्दुल मजीद हकीम इलाही के हमराह मौलाना सैय्यद तकी रज़ा आबिदी (सद्र तंज़ीम-ए-जाफ़री, हैदराबाद) भी मौजूद थे। मुलाक़ात में उम्मत-ए-मुस्लिमा के मौजूदा हालात, नौजवानों की फ़िक्री व अख़लाक़ी तर्बियत और मुस्लिम मआशरे में इत्तेहाद व ख़िदमत-ए-ख़ल्क़ के फ़रोग़ पर तफ़सीली तबादला-ए-ख़याल किया गया।

डॉ. अब्दुल मजीद हकीम इलाही ने इज़हार-ए-ख़याल करते हुए कहा कि वह हैदराबाद की तहज़ीब, इल्मी साक़ाफ़्त, इंसान-दोस्ती और मेहमान-नवाज़ी से बेहद मुतास्सिर हैं। उन्होंने कहा कि आज दुनिया की आबादी तक़रीबन आठ बिलियन है, जिनमें से 75 फ़ीसद अफ़राद इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं, और उनमें बड़ी तादाद नौजवानों की है, जो ज़िंदगी के हक़ीक़ी मक़सद से ग़ाफ़िल होते जा रहे हैं। उन्होंने ज़ोर दिया कि उम्मत-ए-मुस्लिमा की यह ज़िम्मेदारी है कि नई नस्ल की फ़िक्री, अख़लाक़ी और दीनी तर्बियत को अपनी प्राथमिकता बनाए। उन्होंने यह भी कहा कि मौजूदा दौर में मग़रिबी फ़िक्री यलग़ार और मसलेकी इख़्तिलाफ़ात के ज़रिए उम्मत-ए-मुस्लिमा में इन्तेशार पैदा करने की कोशिशें हो रही हैं, जिनका मुक़ाबला सिर्फ़ इल्म, अख़लाक़, इत्तेहाद और आपसी एहतराम के ज़रिए मुमकिन है।
इस मौक़े पर डॉ. मोहम्मद मुबश्शिर अहमद (नाज़िम-ए-शहर जमाअत-ए-इस्लामी हिंद, अज़ीमतर हैदराबाद) ने जमाअत की शहर-ए-हैदराबाद में सरगर्मियों का तआरुफ़ पेश किया और बताया कि शहर हैदराबाद में जमाअत के चालीस मक़ामी यूनिट्स क़ायम हैं। इस मुलाक़ात में मौलवी हामिद मोहम्मद ख़ान (मरकज़ी सक्रेटरी जमाअत-ए-इस्लामी हिंद), हाफ़िज़ मोहम्मद रशादुद्दीन (मुअविन अमीर-ए-हल्का), डॉ. मोहम्मद मुबश्शिर अहमद (नाज़िम-ए-शहर), मौलाना सैय्यद क़मर हुसैनैन (मसऊल दफ़्तर नमाइंदा-ए-रहबरी, दिल्ली), मौलाना आगा मुनव्वर अली (इमाम-ए-जमाअत मस्जिद, हैदराबाद), जनाब शहबाज़ अली ख़ान अमजद, प्रोफ़ेसर डॉ. सैय्यद जहानगीर (EFLU यूनिवर्सिटी), सदर हल्का SIO तेलंगाना बरादर मोहम्मद फ़राज़ अहमद, जनाब अबुल करम मुश्ताक़ अतहर, डॉ. आतिफ़ इस्माईल, जनाब मोहम्मद अब्दुल मजीद, इंजीनियर मिरज़ा मोहम्मद आज़म अली बेग, जनाब मोहम्मद सिद्दीक़, बरादर हाफ़िज़ मोहम्मद हमादुद्दीन (जनरल सक्रेटरी SIO तेलंगाना), पी.आर. सक्रेटरी बरादर फ़ैसल ख़ान और दूसरे ज़िम्मेदारान मौजूद थे।
इस मौक़े पर इस अज़्म (संकल्प) का इज़हार किया गया कि इस तरह की मुलाक़ातें आइंदा भी जारी रहनी चाहिएँ, ताकि इल्मी, फ़िक्री और दीनी सतह पर आपसी ताल्लुक़ात और ज़्यादा मज़बूत हों।
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