हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , रिहा होने वाले इस्राईली सैनिक मातान एंग्रस्ट ने इस्राईली टीवी चैनल 13 को दिए इंटरव्यू में कहा,फ़िलिस्तीनी मुजाहिदीन ने मेरी बातों को सुना और मेरी ज़रूरतों का ख्याल रखा। जब मैंने पूजा का सामान और तोरात माँगी, तो उन्होंने मुझे वो दिया। मैं पूरी आज़ादी से इबादत करता था, जैसे चाहता वैसे करता। एक बार मैं इस्राईली हवाई हमले में चमत्कारिक रूप से बच गया।
विश्लेषकों का कहना है कि जो इस्राईली क़ैदी ग़ाज़ा की घिरे और बर्बाद इलाके में दो साल तक क़ैद रहे, वे जब रिहा हुए तो पूरी तरह शारीरिक और मानसिक रूप से ठीक थे।
इसके उलट, इस्राईली जेलों से रिहा हुए फ़िलिस्तीनी क़ैदियों की हालत बहुत ख़राब थी उनके शरीर पर ज़ुल्म और मारपीट के साफ़ निशान थे उनका वज़न कम हो गया था,चेहरे पर बुज़ुर्गी के असर नज़र आते थे और बहुत से क़ैदी तो चल भी नहीं पा रहे थे।कई को तो रिहाई के तुरंत बाद अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।
रिहा हुए इस्राईली क़ैदियों ने यह भी कहा कि ग़ाज़ा में क़ैद के दौरान हमें बस इस्राईली बमबारी से डर लगता था क्योंकि हमें डर था कि हम अपने ही देश की फौज के हमलों में मारे जा सकते हैं।
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