शुक्रवार 17 अक्तूबर 2025 - 23:53
मौलाना सय्यद क़ल्बे जवाद नकवी पर जानलेवा हमला — देश की साख को कमजोर करने की गंदी साज़िश: मौलाना सैयद मुराद रज़ा रिज़वी

हौज़ा / मोहब्बान-ए-अइम्मा (अ) एजुकेशनल और वेलफेयर ट्रस्ट के अध्यक्ष मौलाना सय्यद मुराद रज़ा रिज़वी ने लखनऊ में मौलाना सय्यद क़ल्बे जवाद नकवी पर हुए हमले की सख़्त निंदा करते हुए कहा कि यह देश और मिल्लत दोनों से हमदर्द एक महान नेता पर किया गया जानलेवा हमला, भारत की साख को कमजोर करने की घिनौनी साज़िश है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, मोहब्बान-ए-अइम्मा (अ) एजुकेशनल और वेलफेयर ट्रस्ट के अध्यक्ष मौलाना सय्यद मुराद रज़ा रिज़वी ने लखनऊ में मौलाना सय्यद क़ल्बे जवाद नकवी पर हुए हमले की सख़्त निंदा करते हुए कहा कि यह देश और मिल्लत दोनों से हमदर्द एक महान नेता पर किया गया जानलेवा हमला, भारत की साख को कमजोर करने की घिनौनी साज़िश है।

उन्होंने कहा कि हमारे देश भारत की मौजूदा स्थिति बेहद चिंता की बात है। कभी जो भारत गंगा-जमनी तहज़ीब का प्रतीक माना जाता था, जहाँ राम और रहीम एक साथ शांति से जीवन बिताते थे, आज वही स्वरूप धीरे-धीरे मुरझाता हुआ नज़र आ रहा है। दुनिया के हर कोने में भारत की तारीफ़ इसलिए होती थी कि यह “कई धर्मों में एकता” का जगमगाता सूरज है—लेकिन अब इसमें गिरावट के संकेत दिख रहे हैं।

कुछ देशद्रोही और शरारती तत्व देश की छवि पर धब्बा लगाने की कोशिश कर रहे हैं। इसकी वजह से हमारे हिंदू भाइयों को भी बेवजह बदनामी झेलनी पड़ रही है, जबकि सच्चाई यह है कि हिंदुस्तान का हिंदू इतना विशाल दिल और सोच रखता है कि उसमें हर धर्म और समुदाय के लिए जगह है। वह हमेशा “जियो और जीने दो” का संदेश देता आया है। पर अफसोस! कुछ नापाक ताकतें और ज़ायोनी एजेंट अपनी गंदी साज़िश से इस देश की साख गिराने में लगे हैं।

इसी गंदी साज़िश की एक झलक 13 अक्तूबर 2025 को उस शहर में दिखाई दी जो तहज़ीब, मोहब्बत और भाईचारे का प्रतीक है — यानी लखनऊ। वहीं एक ऐसी महान हस्ती पर जानलेवा हमला करने की कोशिश की गई, जिसका पूरा ख़ानदान हमेशा नफ़रत की अंधेरी रातों में मोहब्बत की रौशनी फैलाता रहा है। इतना ही नहीं, इस महान शख्सियत पर किए गए इस हमले में गाली-गलौच और गुंडागर्दी भी की गई — वो भी प्रशासनिक अफ़सरों की मौजूदगी में! यह साफ़ सबूत है कि मौलाना सैयद क़ल्बे जवाद नकवी पर न तो किसी हिंदू ने हमला किया और न किसी मुसलमान ने, बल्कि इंसानियत के दुश्मन देश के गद्दारों ने ऐसा किया।

उन्होंने आगे कहा कि मौलाना क़ल्बे जवाद नकवी किसी एक धर्म या समुदाय की इज्जत नहीं, बल्कि पूरे देश की शान हैं। उनका उज्ज्वल व्यक्तित्व हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई—सबके लिए एक समान रहमत है। जब किसी हिंदू पर समय आता है, तो मौलाना वही बहादुर व्यक्ति होकर सामने आते हैं। सुन्नी भाइयों के मामलों में भी वे हमेशा अपने बुजुर्गों की राह पर चलते हुए खड़े रहे हैं, और शिया मसलक से होने के नाते उन्होंने हमेशा अपने लोगों के हक की रक्षा की है।

वक्फ़ की संपत्ति की सुरक्षा में उनका संघर्ष — जहाँ एक ओर हक़ की रक्षा का प्रतीक है, वहीं दूसरी ओर उनकी देशभक्ति का शानदार उदाहरण भी है। जो लोग इस मिशन पर शक करते हैं, वे या तो किसी साज़िश का हिस्सा हैं या फिर देशद्रोही आतंकी।

मौलाना मुराद रज़ा रिज़वी ने कहा कि अगर ऐसी शख्सियत पर, प्रशासन के नाक के नीचे और आंखों के सामने, कोई बदनीयत व्यक्ति कत्ल की साज़िश करे — तो भले हम यह न कहें कि प्रशासन इसमें शामिल था, पर इतना तो तय है कि प्रशासन की लापरवाही से यह घोर अपराध हुआ है, जिससे पूरे विश्व में भारत की इज्ज़त को ठेस पहुँची है। यह कृत्य देश की प्रतिष्ठा मिटाने जैसा है, और ऐसे मौकों पर हमारी चुप्पी, आतंकवादियों की जड़ों को मज़बूत करती है।

उन्होंने कहा कि हम भारत के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से, विशेष रूप से उत्तर प्रदेश के राज्यपाल और मुख्यमंत्री से अपील करते हैं कि इस अत्यंत शर्मनाक और अमानवीय घटना को गंभीरता से लेते हुए दोषियों के खिलाफ़ सख्त कार्रवाई की जाए। वे देश की साख बचाएँ, और उन गद्दारों को सज़ा दें जिन्होंने भारत की अंतरराष्ट्रीय छवि को नुकसान पहुँचाने की साज़िश की है। इस तरह देश में फिर से शांति, सद्भाव और भरोसे की भावना पैदा होगी, और दुनिया को पता चलेगा कि भारत आज भी प्यार और मिलन का देश है।

अंत में मौलाना रिज़वी ने कहा कि देश के सभी ईमानदार नागरिकों से, ख़ास तौर पर लखनऊ के समझदार और सुलझे हुए लोगों से, हमारी अपील है कि वे इस मामले पर गंभीरता से आवाज़ उठाएँ और कानून के दायरे में रहकर विरोध दर्ज करें। उन्होंने शिया उलमा से विशेष रूप से आग्रह किया कि वे इस हमले को अपनी आत्मा पर हमला मानते हुए मैदान में उतरें और एकता व भाईचारे का प्रबल प्रदर्शन करें, ताकि भविष्य में कोई देशद्रोही ऐसी ज़ालिम हरकत की हिम्मत ना कर सके।

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