हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, निम्नलिखित रिवायत "काफ़ी" पुस्तक से ली गई है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
قال رسول اللہ صلی اللہ علیه وآله:
مَنْ اَصْبَحَ لا يَهِمُّ بِظُلْمِ اَحَدٍ غَفَرَ اللّهُ مَا اجْتَرَمَ
पवित्र पैगंबर (स) ने फ़रमाया:
जो व्यक्ति सुबह करे और किसी पर ज़ुल्म करने का इरादा नहीं रखता, अल्लाह तआला उसके जराइम और गुनाहों को माफ़ कर देता है।
काफ़ी, भाग 2, पेज 8
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