हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , ईरान के मर्कज़ी प्रांत में वली-ए-फ़क़ीह के प्रतिनिधि आयतुल्लाह कुरबान अली दर्री नजफ़आबादी ने अमेरिका की साम्राज्यवादी नीतियों की कड़ी आलोचना करते हुए कहा,यह देश न केवल पूरी दुनिया में युद्ध अपराधों का समर्थन करता है।
बल्कि ईरान की वित्तीय संपत्तियों को फ्रीज़ करके और इस्राईली सरकार का समर्थन करके विभिन्न राष्ट्रों की अर्थव्यवस्था और स्वास्थ्य को भी गंभीर नुकसान पहुँचा रहा है।”
उन्होंने पहले और दूसरे विश्व युद्ध के दौरान ईरान की तटस्थता की ऐतिहासिक स्थिति का उल्लेख करते हुए कहा,अहमद शाह के दौर में ईरान ने तटस्थता की घोषणा की थी लेकिन प्रथम विश्व युद्ध में ईरानी जनता गेहूं जैसी बुनियादी आवश्यकता से भी वंचित रही। हमारी किसी देश से दुश्मनी नहीं थी, लेकिन विश्व की बड़ी ताकतें स्वयं ही राष्ट्रों की दुश्मन हैं।
दूसरे विश्व युद्ध में जापान पर परमाणु बमबारी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा,अमेरिका ने जापान के आत्मसमर्पण करने के बाद भी परमाणु हमला किया, जिसमें लगभग तीन लाख लोगों की निर्दयतापूर्वक हत्या कर दी गई।
आज तक भी अमेरिका ऐसे अपराधों का समर्थन करता आ रहा है। हाल की बारह दिवसीय जंग के दौरान भी, जब बातचीत चल रही थी, अमेरिका और उसके सहयोगियों विशेषकर ब्रिटेन ने बड़े पैमाने पर अमानवीय कार्यवाहियाँ कीं।
अंत में आयतुल्लाह दर्री नजफ़आबादी ने अमेरिका की औपनिवेशिक सोच पर बात करते हुए कहा,अमेरिका खुद को एकमात्र महाशक्ति समझता है और दुनिया के सभी देशों को अपने नियंत्रण में रखना चाहता है। इस क्षेत्र में उसका मुख्य औज़ार ज़ायोनी शासन (इस्राईल) है, जिसे पिछले कुछ हफ्तों में अमेरिका ने इक्कीस अरब डॉलर की आर्थिक सहायता प्रदान की है।
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