गुरुवार 6 नवंबर 2025 - 09:02
तक़वा के साथ अमल का महत्व

हौज़ा/ इस रिवायत में, इमाम सज्जाद (अ) ने तक़वा के साथ अमल करने के महत्व को समझाया है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, निम्नलिखित रिवायत "तोहफ़ उल उक़ूल" किताब से ली गई है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:

قال الامام السجاد علیه السلام:

لا يَقِلُّ عَمَلٌ مَعَ تَقْوى، وَ كَيْفَ يَقِلُّ ما يُتَقَبَّلُ.

हज़रत इमाम अली ज़ैनुल आबेदीन (अ) ने फ़रमाया:

तक़वा से किया गया अमल छोटा नहीं होता, और जो काम ख़ुदा को क़बूल हो जाता है वह छोटा कैसे हो सकता है!

तोहफ़ उल उक़ूल, पेज 318

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