हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, मजमा जहानी अहले बैत (अ) और मरकज़े अफ़कार-ए इस्लामी के आपसी सहयोग से “नहजुल बलाग़ा का उपमहाद्वीप में मक़ाम और उसका तर्बियती किरदार” के विषय से एक अंतरर्राष्ट्रीय इल्मी वेबिनार शनिवर, 15 नवम्बर 2025 को गूगल मीट के ज़रिए मुनअक़िद किया जा रहा है।
यह इल्मी निशस्त नहजुल बलाग़ा की फ़िक्री, अख़लाक़ी और तर्बियती जहाँतों को उजागर करने के साथ-साथ उपमहाद्वीप में इसके इल्मी असरात, तद्रीसी मक़ाम और फ़िक्री मीरास (बौद्धिक विरासत) पर रोशनी डालने के लिए मुनज़्ज़म की गई है।
इस वेबिनार में अलग अलग देशों की मुमताज़ इल्मी और हौज़वी शख़्सियात अपने अफ़कार का इज़हार करेंगी, जिनमें शामिल हैं:
-
हुज्जतुल इस्लाम व अल-मुस्लेमीन सय्यद अहमद अली आबिदी (हिंदुस्तान) — मुदीर जामेअतुल इमाम अमीरुल मोमेनीन (अ.स.) नजफ़ी हाउस, इमामे जुमा बम्बई और आयतुल्लाह सय्यद अली सीस्तानी के भारत मे वकील। उनका टापिक होगा: “उपमहाद्वीप के शिया मदारिस-ए इल्मिया के तर्बियती मसाइल के हल में नहजुल बलाग़ा का किरदार।”
-
हुज्जतुल इस्लाम व अल-मुस्लेमीन मक़बूल हुसैन अलवी (इंग्लैंड) — सरपरस्त मरकज़े अफ़कार-ए इस्लामी। उनका टापिक होगा: “नहजुल बलाग़ा में मुआशरती और अख़लाक़ी मसाइल का हल।”
-
हुज्जतुल इस्लाम व अल-मुस्लेमीन ताहिर अब्बास आवान (ईरान) — मुहक़्क़िक़ और मुदर्रिस हौज़ा-ए इल्मिया क़ुम। उनका टापिक होगा: “नहजुल बलाग़ा की उपमहाद्वीप के शिया मुस्लिम समाज में महजूरियत।”
-
प्रो. डॉक्टर अबिद हुसैन (पाकिस्तान) — शोधकर्ता, लेखक और मारूफ़ ख़तीब। वह “नहजुल बलाग़ा से फ़िक्री और अक़ली तर्बियत” के उनवान पर गुफ़्तगू करेंगे।
वेबिनार में शिरकत करने वाले मुकर्रिरीन नहजुल बलाग़ा के पैग़ाम को अस्र-ए हाज़िर की फ़िक्री और समाजी ज़रूरतों के मुताबिक़ बयान करेंगे, और इस पर रोशनी डालेंगे कि अमीरे मोमिनीन इमाम अली (अ.स.) के कलिमात न सिर्फ़ इस्लामी मुआशरे के लिए रहनुमा हैं बल्कि इंसानी तहज़ीब के लिए अख़लाक़ी और फ़िक्री मन्सूर (घोषणापत्र) की हैसियत रखते हैं।
वेबिनार का वक़्त अलग अलग देशो के लिहाज़ से कुछ इस तरह है:
GMT – 8:30
ईरान – 12:30
पाकिस्तान – 14:00
हिंदुस्तान – 14:30
कलाम-ए अमीरे मोमिनीन इमाम अली (अ) से लाभ उठाने के ख़्वाहिशमंद हज़रात व ख़वातीन इस इल्मी निशस्त में नीचे दिए गए लिंक के ज़रिए ऑनलाइन शिरकत कर सकते हैं:
🔗 https://meet.google.com/ccv-hjrr-wbm
उल्लेखनीय है कि यह वेबिनार मजमा जहानी अहले बैत (अ) और मरकज़े अफ़कार-ए इस्लामी की इल्मी व फ़िक्री सरगर्मियों का सिलसिला है, जिसका मक़सद दुनिया भर में नहजुल बलाग़ा की तालीमात को फ़रोग़ देना और इल्मी दुनिया में इसके पैग़ाम को ज़िंदा रखना है।
आपकी टिप्पणी