हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , झारखंड सुन्नी वक्फ बोर्ड की एक महत्वपूर्ण बैठक राज्यसभा सदस्य एवं बोर्ड के चेयरमैन जनाब सरफ़राज अहमद की अध्यक्षता में याँ मीटिंग हॉल में आयोजित हुई। बैठक में तय किया गया कि उम्मीद पोर्टल पर पाँच दिसंबर से पहले पंजीकरण अनिवार्य रूप से कराना होगा। यदि ऐसा नहीं किया गया तो कानून के तहत एक लाख रुपये का जुर्माना और सजा भी हो सकती है, क्योंकि इस मामले में वक्फ संपत्तियों के ट्रस्टी और कमेटियाँ लापरवाही बरत रहे हैं।
बैठक में कहा गया कि वक्फ संपत्तियाँ अल्लाह, रसूल और अहले बैत अ.स.की मिल्कियत हैं।सुन्नी वक्फ बोर्ड के सक्रिय सदस्य मौलाना सैयद तहज़ीब अल हसन रिज़वी ने कहा कि माल-ए-इमाम और माल-ए-खुदा की हिफ़ाजत मुसलमानों का दीनि और संवैधानिक फ़र्ज है लेकिन अफ़सोस की बात है कि जिन लोगों को हिफ़ाजत के लिए मुक़र्रर किया गया था, उन्हीं लोगों ने अक्सर इन संपत्तियों को बर्बाद करने का काम किया है।

अभी भी वक़्त है कि हम वक्फ संपत्तियों की हिफ़ाजत करके कौम और समाज को फ़ायदा पहुँचा सकते हैं।
उन्होंने आगे कहा कि आज मिल्लत-ए-इस्लामिया को कलमे की बुनियाद पर एकजुट होकर इन संपत्तियों की हिफ़ाजत के लिए कानूनी जद्दोजहद करनी चाहिए, ताकि वक्फ संपत्तियों का बचाव यकीनी बनाया जा सके।
जनाब सरफ़राज अहमद साहब, राज्यसभा सदस्य ने इस बात पर ज़ोर दिया कि हमें अपनी जायदाद की हिफ़ाजत का ख़्याल रहता है, मगर अफ़सोस है कि वक्फ संपत्तियों की हिफ़ाजत में मुसलमानों ने वह हक़ अदा नहीं किया जो करना चाहिए था।
इस मौके पर सीनियर मेंबर जनाब अबरार अहमद ने अपने ख़्यालात का इज़हार करते हुए कहा कि यह एक अच्छा मौका है कि हम सब एकजुट होकर अपने सारे हक़ों की हिफ़ाजत करें जो इस्लाम, शरीयत और कानून ने हमें दिए हैं।

इस मौके पर मोहम्मद फ़ैज़ी पूर्व विधायक, जनाब निज़ामुद्दीन अंसारी, जनाब महबूब आलम अंसारी, जनाब शकील अहमद खान (वक्फ बोर्ड के सीईओ), मुमताज खान (एडवोकेट) और कलाम रशीदी ने जागरूकता अभियान चलाने पर ज़ोर दिया।
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