हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, निम्नलिखित रिवायत “नहजु फ़साहा” किताब से ली गई है: इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
قال رسول اللہ صلی الله علیه وآله:
إِنَّ مِنَ السَّرَفِ أَنْ تَأْكُلَ كُلَّ مَا اشْتَهَيْتَ
अल्लाह के रसूल (स) ने फ़रमाया:
निसंदेह इसराफ़ मे से एक यह भी है कि इंसान का जब जो भी दिल चाहे वही खाता फिरे।
नहजुल फ़साहा, पेज 332
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