शनिवार 20 दिसंबर 2025 - 12:05
ग़ज़्ज़ा के शैक्षणिक संस्थान पर इज़राईली  हमला, कई शहीद और घायल

हौज़ा/ इज़राईली सेना ने ग़ाज़ा पट्टी में एक और गंभीर युद्ध अपराध करते हुए उस स्कूल पर हवाई हमला किया, जो फ़िलिस्तीनी विस्थापितों के लिए शरणस्थली के रूप में इस्तेमाल हो रहा था। इस हमले में कई फ़िलिस्तीनी नागरिक शहीद हो गए और कई अन्य घायल हो गए।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इज़राईली सेना ने ग़ज़ा पट्टी में एक और गंभीर युद्ध अपराध अंजाम देते हुए उस स्कूल को निशाना बनाया, जहाँ बेघर फ़िलिस्तीनी परिवार शरण लिए हुए थे। इस हमले में कई नागरिक शहीद हुए और अनेक घायल हुए।

ग़ाज़ा की रेस्क्यू और राहत संस्था के मुताबिक, शनिवार सुबह पूर्वी ग़ाज़ा शहर के घनी आबादी वाले इलाक़े अल-तफ़्फ़ाह में स्थित एक स्कूल पर ज़ायोनी विमानों ने बमबारी की। इस स्कूल में बड़ी संख्या में वे फ़िलिस्तीनी परिवार ठहरे हुए थे, जो हालिया हमलों में अपने घरों से वंचित हो चुके थे।

प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, इस हमले में कम से कम पाँच फ़िलिस्तीनी शहीद हुए, जिनमें अधिकांश बच्चे शामिल हैं, जबकि कई लोग घायल हुए जिन्हें इलाज के लिए नज़दीकी अस्पतालों में स्थानांतरित कर दिया गया। राहत संस्था ने बताया कि रेस्क्यू टीमों को घटनास्थल तक पहुँचने के लिए संयुक्त राष्ट्र के मानवीय मामलों के कार्यालय से विशेष समन्वय और अनुमति लेनी पड़ी, जिसके बाद मलबे के नीचे दबे शहीदों के शव निकाले जा सके।

फ़िलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय के आँकड़ों के अनुसार, अक्टूबर में घोषित युद्धविराम की शुरुआत के बाद से अब तक ज़ायोनी गोलीबारी और हमलों के परिणामस्वरूप 400 फ़िलिस्तीनी अपनी जान गंवा चुके हैं। ये आँकड़े उस दावे के विपरीत हैं कि युद्धविराम का उद्देश्य हिंसा में कमी और आम नागरिकों के लिए सुरक्षित माहौल प्रदान करना था।

इस हमले पर प्रतिक्रिया देते हुए हमास आंदोलन ने इसे “बर्बर अपराध” क़रार दिया और कहा कि विस्थापितों की शरणस्थली बने स्कूल को निशाना बनाना, युद्धविराम समझौते का खुला और बार-बार उल्लंघन है।

उल्लेखनीय है कि अल-तफ़्फ़ाह इलाक़ा पूर्वी ग़ाज़ा के घनी आबादी वाले क्षेत्रों में शामिल है। हालिया ज़ायोनी हमलों के कारण यहाँ के हज़ारों निवासी अपने घरों से बेघर होकर स्कूलों और सरकारी इमारतों में शरण लेने पर मजबूर हैं, जिन्हें भी ज़ायोनी आक्रामकता का निशाना बनाया जा रहा है।

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