۱۵ مهر ۱۴۰۳ |۲ ربیع‌الثانی ۱۴۴۶ | Oct 6, 2024
इराक

हौज़ा/इराक़ के प्रतिरोध आंदोलन ने अलअंबार प्रांत में अमेरिकी सैनिकों के सबसे बड़े ठिकाने पर चालीस रॉकेट और मिसाइलें दाग़ी हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़, पश्चिमी एशिया में अमेरिकी सैन्य कमान, सेंटकॉम ने एक बयान में इराक़ में मौजूद अमेरिकी सेना की सबसे बड़ी सैन्य छावनी एनुल असद पर भीषण हमले की पुष्टि की है और घोषणा की है कि पश्चिमी इराक़ में एनुल असद सैन्य छावनी पर भारी संख्या में रॉकेट और मिसाइलों से हमला किया गया है।

बयान के अनुसार, इस हमले से अमेरिकी सैनिकों के मनोबल पर बहुत प्रभाव पड़ा है। कई सैनिक मानसिक रूप से बीमार पड़ गए हैं।

बता दें कि जिस प्रकार एनुस असद सैन्य छावनी पर हमला हुआ है उसको देखते हुए यह कहा जा सकता है कि इस हमले में आतंकी अमेरिकी सेना को भारी नुक़सान पहुंचा है, लेकिन इसके बारे में अभी तक अमेरिका की ओर से कोई भी आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।

एक अमेरिकी अधिकारी ने नाम न ज़ाहिर करने की शर्त पर बताया है कि इराक़ी प्रतिरोध आंदोलन द्वारा एनुस असद छावनी पर किए गए हमले में कई प्रकार की क्षति पहुंची है।

इस बीच इराक़ के प्रतिरोध आंदोलन ने एक बयान जारी करके इस हमले की ज़िम्मेदारी स्वीकार कर ली है। इराक़ के प्रतिरोध आंदोलन ने एक बयान में घोषणा की है कि अमेरिकी सैन्य छावनी पर उसके द्वारा ही हमला किया गया है।

बता दें कि इराक़ी प्रतिरोध आंदोलन में शामिल विभिन्न समूहों ने ग़ज़्ज़ा के उत्पीड़ित लोगों के ख़िलाफ़ किए जाने वाले पाश्विक हमलों और अमेरिका द्वारा बर्बरतापूर्ण ज़ायोनी आक्रामकता का समर्थन किए जाने पर अपनी प्रतिक्रिया में यह कहा था कि जब तक मज़लूम ग़ज़्ज़ा की जनता का नरसंहार होता रहेगा तब तक हम न केवल इराक़ में बल्कि पूरे क्षेत्र में अमेरिकी और ज़ायोनी ठिकानों को निशाना बनाते रहेंगे।

ग़ौरतलब है कि हाल के दिनों में इराक़ और सीरिया में अमेरिकी सैन्य ठिकानों को कई बार ड्रोन, रॉकेट और मिसाइल हमलों से निशाना बनाया गया है।

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