हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,जौनपुर के दो हिस्सों में रहने वाले बक्शा, करंजकला विकास खंड के रन्नो, उत्तर पट्टी, दक्षिणपट्टी व बाबरखां के लोग रविवार को एक मंच पर मौजूद रहते हुए अपने पुरखों व उनके किए हुए काम को याद किया।
मोहम्मद हसन पीजी कालेज में आयोजित इस कार्यक्रम में पठानों के बहादुरी की चर्चा के साथ साथ संकल्प लिया गया कि समाज के गरीब बच्चों को शिक्षित कर आगे बढ़ाएगें। मलखान अब्दुल गफ्फार खां व अशफाक उल्ला खां को भी याद किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भाभा एटामिक रिसर्च सेंटर के वैज्ञानिक डा.अमीर हसन खां ने बैरम खां व इब्राहिम खां के बारे में बताया कि ये दोनों सगे भाई थे। मोहम्मद हसन कालेज छात्रों के लिए लगातार बेहतर काम कर रहा है।
मोहम्मद हसन कालेज के प्राचार्य डा. अब्दुल कादिर खां ने कहा कि पठानों ने सैदव देश के लिए अपनी शहादत दी है। जलियावाला बाग में खान अब्दुल गफ्फार खां ने कहा कि पठानों अंग्रेजो की गोली पीठ पर नहीं सीने पर खानी है।
अगर एक भी पठान पीठ पर गोली खाता है तो वह स्वतंत्रता संग्राम से हट जाएगें। जलिया वाला बाग कांड के बाद जब जनरल डायर ने मरने वाले पठानों का पीएम करवाया तो 83 पठान मिले जिनके सीने पर गोली लगी थी।
डा. कादिर ने कहा कि गरीबी किसी समाज को देखकर नहीं आती है। हर समाज के लोगों को जरुरतमंदो की मदद करनी चाहिए। इस मौके पर डा. कादिर ने घोषणा किया कि किसी भी जाति व धर्म का गरीब छात्र होगा उसकी बेहतर शिक्षा के लिए एक लाख रुपए की आर्थिक मदद करेंगे।
अध्यक्षता डा. कमर अब्बास ने की एडी एमएच खान सुल्तानपुर के प्रयास से यह कार्यक्रम आयोजित हो पाया। सभी ने इस कार्यक्रम की सराहना की इस मौके पर डा.इन्तेजार हुसैन खान, डा.अहमद अली खां,डा. हैदर अब्बास, इंजीनियर लियाकत, अली, मौलाना रजी बिस्वानी, मौलाना रजा खान, मौलाना हसन अकबर खान समेत भारी संख्या में लोग मौजूद रहे।
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