۴ آذر ۱۴۰۳ |۲۲ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 24, 2024
جونپور کے قصبہ بڑاگاؤں میں شہزادی دو عالم کی شہادت پر مجلس و ماتم اور جلوس عزاء فاطمی کا انعقاد 

हौज़ा/जौनपुर,नगर के बलुआघाट स्थित हाजी मोहम्मद अली खां के इमाबाड़े में तीन दिवसीय मजलिसे अय्यामे फातेमीया का समापन हुआ जिसमें मौलाना फजले मुम्ताज खां की मजलिस को खिताब किया बाद में अंजुमन हुसैनिया ने नौहाखानी व सीनाजीन की,

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,जौनपुर। जौनपुर,नगर के बलुआघाट स्थित हाजी मोहम्मद अली खां के इमाबाड़े में तीन दिवसीय मजलिसे अय्यामे फातेमीया का समापन हुआ जिसमें मौलाना फजले मुम्ताज खां की मजलिस को खिताब किया बाद में अंजुमन हुसैनिया ने नौहाखानी व सीनाजीन की,

मजलिस को खेताब करते हुए मौलाना फजले मुम्ताज खां ने कहा कि रसूले खुदा हजरत मोहम्मद स.अ. की बेटी जनाबे फातमा जहरा के ऊपर इतने जुल्म ढाए गये थे कि नाम लेते ही आंखों से आंसू छलक उठते हैं।

जिस घर के दरवाजे पर फरिश्ते आकर सजदा करते थे उसी घर के दरवाजे पर दुश्मने अहलेबैत ने न सिर्फ आग लगाया बल्कि जलता हुआ दरवाजा बीबी फातमा जहरा पर गिरा दिया जिससे उनकी पसलियां टूट गई थीं और उनकी कोख में पल रहा बच्चा मोहसिन की मौत हो गई

आज हम लोग उसी बीबी फातमा जहरा का गम मनाने के लिए इकट्टा हुए हैं ताकि दुनिया को बता सकें कि दीने इस्लाम जो आज जिंदा है उसने कितनी कुर्बानियां दी हैं।

कुर्बानी देने वालों में बीबी फातमा के बेटे हसन हुसैन भी पीछे नहीं रहे हैं यही वजह है कि आज जरूरत है हम सबको उनके सीरत पर चलने की जिससे कि इस्लाम को जिंदा रखा जा सके।

मौलाना ने कहा कि रात के अंधेरे में बीबी फातमा जहरा का जनाजा उठाया गया था और उन्हें दफनाया गया था इससे पूर्व सोजखानी समर रजा जैदी व उनके हमनवां ने किया। पेशखानी हसन आब्दी फतेहपुरी व बेलाल हसन ने संचालन किया। इस मौके पर अंजुमन हुसैनिया के नौहेखां नवाज हसन खां व अदीब कमाल ने अपने दर्द भरे नौहे पढ़कर माहौल को गमगीन कर दिया। 

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