इमाम काज़िम (अ.स.)
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दिन की हदीस:
अमानत में खयानत करने का नतीज़ा
हौज़ा/हज़रत इमाम मूसा काज़िम अ.स.ने एक रिवायत में अमानत में खयानत करने के नतीज़े की ओर इशारा किया हैं।
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हज़रत इमाम मूसा काज़िम अलैहिस्सलाम ने हारून के सामने इशारों में कह दिया कि ख़िलाफ़त मेरा हक़ है
हौज़ा/आपने यह हदीस तो बार बार सुनी है, अलबत्ता इंसान जब हदीस को सुने तो ज़रूरी है कि उसके रुख़ को समझने की कोशिश करे, उसे इल्म होना चाहिए कि उसका रुख़ क्या है, किस चीज़ की ओर रुख़ है।
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शोधकर्ता और डॉ. मुर्तज़ा इंफेरादी के साथ बातचीत;
इमाम मूसा काज़िम (अ) को मदीना से इराक़ में जबरन निर्वासित करने का कारण
हौज़ा / हौज़ा न्यूज़ संवाददाता ने अस्तान कुद्स रिज़वी में इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन के सामाजिक अध्ययन विभाग के शोधकर्ता के साथ हज़रत इमाम मूसा काज़िम (अ) के जीवन पर चर्चा की है।
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दिन की हदीस:
हज़रत इमाम मूसा काजिम अ.स. की नज़र में नुकसान उठाने वाला आदमी
हौज़ा/हज़रत इमाम मूसा काज़िम अ.स.ने एक रिवायत में नुकसान उठाने वाले आदमी की पहचान काराई हैं।
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दिन की हदीसः
धर्म में सूझ-बूझ क्यों पैदा करें?
हौज़ा / इमाम मूसा काजिम (अ) ने एक रिवायत में धर्म में सूझ-बूझ विकसित करने की सलाह दी है।
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दिन की हदीसः
रजब के महीने में रोज़ा रखने का सवाब
हौज़ा / एक हदीस में, इमाम मूसा काज़िम ने मुबारक रजब के महीने में रोज़ा रखने के सवाब की ओर इशारा किया है।
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दिन की हदीसः
इमाम मूसा काज़िम (अ) की नसीहत
हौज़ा / इमाम मूसा काजिम (अ) ने रिवायत के अनुसार खुदा की राह में खर्च करने की नसीहत की है।
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हौज़ा न्यूज़ के साथ बात-चीतः
हज़रत मासूमा (स) इमाम मूसा काज़िम और इमाम अली रज़ा के स्कूल द्वारा प्रशिक्षित एक महान महिला थीं
हौज़ा / जामिया अल-ज़हरा (स) की शिक्षका ने हज़रत मासूमा (स) को पवित्र जीवन की मालिक बताते हुए कहा कि हज़रत मासूमा का जीवन इमाम के जीवन का सार था। आपका पालन-पोषण आपके पिता और भाई के स्कूल में हुआ।
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बुद्धि और धार्मिकता को एक दूसरे से अलग नहीं समझना चाहिए, मौलाना मंजूर अली नकवी
हौज़ा / मासूमीन (अ.स.) की रिवायतो में, बुद्धिमानों के लिए गुणों और विशेषताओं का वर्णन किया गया है और कुछ कर्मों को इसके योग्य घोषित किया गया है।
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दिन की हदीसः
वस्त्रो में इसराफ और फ़ज़ूल खर्ची का मानक क्या है?
हौज़ा / इमाम मूसा काज़िम (अ.स.) ने एक रिवायत में इसराफ़ और फिजूलखर्ची के बारे में पूछे गए प्रश्न का उत्तर दिया है।
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इराकी पार्लिमेंट के स्पीकर:
हज़रत इमाम मूसा काज़िम अलैहिस्सलाम की शहादत मुसीबतों के मुकाबिल में आपके सब्र और धैर्य का प्रमाण हैं।
हौज़ा/ इराकी पार्लिमेंट के स्पीकर मुहम्मद अलहलबौसी ने इमाम मूसा काज़िम (अ.स.) की शहादत के अवसर पर इराकी लोगों और इस्लामी दुनिया के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की है।
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हज़रत इमाम काज़िम अ.स.के मख़सूस कमरे में तलवार, खुरदुरा लेबास और क़ुरआन किस चीज़ की अलामत?
हौज़ा/इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनेई: ने कहां, इमाम अलैहिस्सलाम के तबर्रूकात आज भी मौजूद है जो मुख्तलिफ चीजों पर दलालत करते हैं।
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नजफ अशरफ अहलेबैत (अ.स.) के शियो का केंद्र है, आयतुल्लाह हाफिज बशीर नजफी
हौज़ / आयतुल्लाह बशीर ने अपने बयान में कहा कि नजफ अशरफ की जमीन और हवा धन्य है। यहा इराक की गलीयो और कूचो मे धार्मिक विद्वानो के मकबरे है अल्लाह ने इस धरती को हज़रत इमाम अली (अ.स.) के माध्यम से सम्मानित किया है और होना यही चाहिए कि यह इराक हज़रत इमाम हुसैन (अ.स.) और बाकी आइम्मा (अ.स.) विशेष रूप से इमामे जमाना (अ.त.फ.श.) का बंकर बनकर बाकी रहे।
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:दिन की हदीस
लोगों की ज़रूरत पूरी करने की जज़ा
हौज़ा/ हज़रत इमाम मूसा काज़िम अलैहिस्सलाम ने एक रिवायत में लोगों की ज़रूरत को पूरा करने के जज़ा की ओर इशारा किया हैं।
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:दिन की हदीस
इफ्तार कराने का सवाब
हौज़ा/ हज़रत इमाम काज़िम(अ.स.) ने एक रिवायत में इफ्तार कराने के सवाब कि ओर इशारा किया हैं।
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:दिन की हदीस
सेहत और सलामती के मुताअल्लिक़ इमाम मूसा काज़िम (अ.स.) की सलाह
हौज़ा / हज़रत इमाम मूसा काज़िम (अ.स.) ने एक रिवायत में सेहत और सलामती के मुताअल्लिक़ नसीहत की है।
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वक्ति ईमान गुमराही और तबाही है:मौलाना सय्यद अली हाशिम आबिदी
हौज़ा / हर युग में ऐसे लोग रहे हैं जिनका धर्म और आस्था अस्थायी थी जैसे कि हमीद बिन क़हतबा कि उसने अपनी दुनिया के लिए धर्म का सौदा किया और 60 निर्दोष सादात के खून से अपना हाथ रंगीन किया जिसके नतीजे में बंदगी से महरूमी और अबदी तबाही उसका मुकद्दर बनी।जनाबे बोहलोल जैसे दीनदारों ने इताअते इमाम में मसनदे इल्म व फकाहत को खैर बाद कहा,अपनी दुनयवी इज़्ज़त व एहतेराम की कुर्बानी दी, लोगों ने मज़ाक उड़ाया लेकिन अबदी इज़्ज़त, फज़ीलत, करामत और शराफ़त उनका मुकद्दर बन गई।
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:दिन की हदीस
इमाम मूसा काज़िम (अ.स.) का कयामत के दिन अज़ाब से सुरक्षित रहने का नुस्खा
हौज़ा/इमाम मूसा काज़िम(अ.स.)ने एक रिवायत में क़यामत के दिन अज़ाब से सुरक्षित रहने के रास्ते की ओर इशारा किया है।
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इस्लामी कैलेंडर: 25 रजबुल मुरज्जब 1442
हौज़ा / इस्लामी कैलेंडर 25 रजबुल मुरज्जब 1442; 183 हिजरी मे इमाम मूसा काज़िम (अ.स.) की शहादत