हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, निम्नलिखित रिवायत "बिहारूल अनवार" पुस्तक से ली गई है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
الإمامُ الکاظمُ علیه السلام؛ و قد سُئلَ عَن عَشَرَةِ أقْمِصَةٍ هَل ذلکَ مِنَ السَّرَفِ ـ : لا ، و لکن ذلکَ أبقی لِثِیابِهِ ، و لکنَّ السَّرَفَ أن تَلبَسَ ثَوبَ صَونِکَ فی المکانِ القَذِرِ
जब इमाम मूसा काज़िम (अ.स.) से पूछा गया कि क्या किसी व्यक्ति के लिए 10 कमीजें होना फालतू है? तो इमाम मूसा काज़िम (अ.स.) ने उत्तर दिया, "नहीं! बल्कि, अधिक कमीज़ होने से एक व्यक्ति उन्हें लंबे समय तक पहनता है। फिजूलखर्ची तब होती है जब कोई व्यक्ति अपने सबसे अच्छे कपड़े गंदे स्थान पर पहनता है।"
बिहारूल अनवार, भाग 1, पेज 317, हदीस 79