लखनऊ
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लंबी उम्र की नहीं बल्कि उपयोगी जिंदगी की दुआ करें: मौलाना सैयद रजा हैदर जैदी
हौज़ा / मौलाना सैयद रजा हैदर जैदी ने जुमे के खुतबे में कहा कि लंबी उम्र के लिए नहीं, बल्कि उपयोगी जिंदगी के लिए दुआ करें। जो व्यक्ति अपने परिवार और मित्रों के साथ अच्छा व्यवहार करेगा, उसकी आयु बढ़ेगी और उसकी जीविका में बरक्कत होगी।
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मीर अनीस की बरसी पर अनोखे अंदाज में दी जाएगी श्रद्धांजलि
हौज़ा / दिसंबर में न ख़ुदाए सुख़न मीर अनीस के निधन को डेढ़ सौ साल पूरे हो जाएंगे। इस मौके पर उन्हें अनोखे अंदाज में श्रद्धांजलि दी जाएगी।
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अज़ादारी के प्रति शुबहात और उनके जवाबात;
हज़रत सैय्यद अल-शोहदा और इमाम मासूमीन (अ) की अज़ादारी
हौज़ा/ कभी-कभी ऐसे सवाल सामने आते हैं कि क्या इमाम मासूमीन (अ) के ज़माने में भी मातम मनाया जाता था? और मासूम इमाम (अ) भी अज़ादारी करते थे?
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कसरते इबादत; फरिश्तों की कतार में शामिल होने का सूत्रधारः मौलाना सैयद जाहिद हुसैन
हौज़ा / भारत के अलीगढ़ में मौलाना सैयद जाहिद हुसैन ने इबादत के विषय पर चर्चा करते हुए कहा कि कसरते इबादत; यह फरिश्तो की श्रेणी में शामिल होने का साधन है।
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ग़दीर रास्ता है और कर्बला उसकी रोशनी है: मौलाना सैयद रज़ा हैदर ज़ैदी
हौज़ा / शाही आसिफी मस्जिद में जुमे की नमाज का खुतबा देते हुए मौलाना सैयद रजा हैदर जैदी ने कहा कि ग़दीर रास्ता है और कर्बला उसकी रोशनी है।
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भारत; जामिया अल-मुस्तफा के प्रतिनिधि का ईरान लौटने पर विदाई समारोह:
डॉ. रज़ा शाकरी की सेवाओं की सराहना की जाती हैः मुक़र्रेरीन
हौज़ा / लखनऊ भारत; करीब पांच साल पहले अल-मुस्तफा इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी के प्रतिनिधि के तौर पर डॉ. रजा शाकरी भारत आए थे और अपनी जिम्मेदारियां पूरी करने के बाद वह ईरान लौट रहे हैं, जिसके लिए लखनऊ में विदाई समारोह आयोजित किया गया था।
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नाइजीरिया में पश्चिमी युवाओं के नाम पर सर्वोच्च नेता के लेखन की समीक्षा के लिए बैठक
हौज़ा / यूरोप के युवाओं को सर्वोच्च नेता के पत्र और जमीयत अल-मुस्तफा अल-अलामिया द्वारा तीर्थयात्रियों को लिखे गए संदेश की समीक्षा के लिए नाइजीरिया में एक बैठक आयोजित की गई।
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लखनऊ मदरसा अल-वाएज़ीन की धार्मिक, राष्ट्रीय, सांस्कृतिक और सामाजिक सेवाओं को भुलाया नहीं जा सकता: मौलाना इब्न हसन अमलवी वाइज़
हौज़ा / मदरसा अल-वाएज़ीन लखनऊ में शिक्षा और प्रशिक्षण के लिए मिस्र और अजम के छात्र आते थे, (नजफ़ और कर्बला) द्वितीय विश्व युद्ध से पहले इराक के धर्मी विश्वासियों के बीच, यह आंदोलन मदरसा अल-वाएज़ीन लखनऊ की शैली का अनुसरण करने लगा।
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आयतुल्लाह रईसी और उनके साथियों की शहादत पर लखनऊ में शोक सभा एवं मजलिस अजा का आयोजन;
शहीद आयतुल्लाह रईसी ने इजराइल का भ्रम दूर किया, मौलाना कल्बे जवाद नकवी
हौज़ा / लखनऊ के हजरत अब्बास रुस्तम नगर में आयोजित इस शोक सभा में बड़ी संख्या में विद्वान और लोग शामिल हुए। विद्वानों ने इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला सैय्यद अली खामेनेई के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं।
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क़िस्तन न 60
भारतीय धार्मिक विद्वानों का परिचय | मुफ़्ती मोहम्मद अब्बास शूश्तरी
हौज़ा / पेशकश: दानिशनामा इस्लाम, इंटरनेशनल नूरमाइक्रो फिल्म सेंटर दिल्ली काविश: मौलाना सैयद गाफ़िर रिज़वी छोलसी और मौलाना सैयद रज़ी ज़ैदी फ़ंदेड़वी
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ईरान संयुक्त राष्ट्र के लिए कार्रवाई का एक मॉडल और आशा की किरण है
हौज़ा / ईरान ने एक ऐसी प्रक्रिया को अंजाम दिया है जिसे विभिन्न देशों के लिए मार्गदर्शन के आलोक में एक मॉडल माना गया है। ऐसा करने के लिए साहस और दृढ़ता की आवश्यकता होती है।
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लखनऊ में ऐन अल-हयात ट्रस्ट द्वारा हज़रत अली (अ) की शोक सभा का आयोजन किया गया
हौज़ा / ऐन अल-हयात ट्रस्ट ने छोटा इमाम बाड़ा हुसैनाबाद में इमाम हज़रत अली (एएस) की शहादत पर शोक व्यक्त करने के लिए एक मजलिस आयोजित की, जिसे मौलाना अली अब्बास खान साहब ने संबोधित किया।
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क़िस्त न 26
भारतीय धार्मिक विद्वानों का परिचय | आयतुल्लाह सय्यद तय्यब मूसवी जज़ाएरी
हौज़ा / पेशकश: दानिशनामा इस्लाम, इंटरनेशनल नूरमाइक्रो फिल्म सेंटर दिल्ली काविश: मौलाना सैयद गाफ़िर रिज़वी छोलसी और मौलाना सैयद रज़ी ज़ैदी फ़ंदेड़वी
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हज़रत ग़ुफ़रानमाब की याद में सेमीनार और मजलिसे अज़ा
हौज़ा/ आयतुल्लाह अमीर अल उलमा सय्यद हमीद अल हसन की अध्यक्षता में 18 रजब 1445 हिजरी को अकबर गेट, लखनऊ में हुसैनीया जन्नत मआब मे सय्यद तकी साहब द्वारा हजरत गुफरानमाब के जीवन और जीवनदायी उपलब्धियों पर एक सेमिनार आयोजित किया जाएया।
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अल्लामा मोहसिन नजफी र०अ० की ख़िदमात ना क़ाबिले फरामोश: मौलाना सैयद अशरफ अली ग़रवी
हौज़ा / दफतरे नुमायंदगी आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली हुसैनी सीस्तानी द०ज़ि० लखनऊ के मुताबिक़ अल्लामा शेख़ अली मोहसिन नजफी के इंतेक़ाल पर आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली हुसैनी सीस्तानी द०ज़ि० के नुमायंदे मौलाना सैयद अशरफ अली ग़रवी ने बयान जारी करते हुए गहरे रंज व ग़म का इज़हार किया और उनकr ख़िदमात को ना क़ाबिले फ़रामोश बताया।
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इस्लाम में मेयार अहल होना है: मौलाना सैयद अशरफ अली ग़रवी
हौज़ा / मौलाना सैयद अशरफ अली ग़रवी ने इमाम हसन अ०स० के फज़ायेल बयान करते हुए फरमाया: इमाम हसन अ०स० गुलिस्ताने रिसालत के पहले फूल हैं, नीज़ सुल्ह का तफसील से ज़िक्र किया!
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आफताबे शरीयत मौलाना डॉ कल्बे जवाद साहब की बीमारे कर्बला की शहादत पर एक नई मुहिम
हौज़ा / बीमारे कर्बला इमामें ज़ैनुल आबेदीन अलैहिस्सलाम की शहादत 25 मोहर्रम के अवसर पर पूरे भारत मे अजादारों द्वारा हेल्थ और आई कैम्प लगाने की भारत की सुप्रीम रिलिजियस अथॉरिटी आफताबे शरीयत मौलाना कल्बे जवाद नक़वी की मुहिम के क्रम मे आज लखनऊ के सज्जाद बाग़ मोहल्ले में अयातुल्लाह सिस्तानी साहब के नुमाइंदे आग़ा अशरफ़ अली ग़रवी की सदारत में में सैयद यसुफ़ अब्बास रिज़वी नगरामी मेमोरियल ट्रस्ट और अम्बर फाउंडेशन के तत्वाधान में हेल्थ और आई कैम्प का शुभरम्भ नज़रो नियाज़ के साथ किया गया। वही सोशल रिफॉर्मर शिया धर्म गुरु मौलाना कल्बे रुशैद रिज़वी और फाउंडेशन के चेयरमैन वफ़ा अब्बास ने डॉक्टरों की टीम की हौसला अफजाई कर उनको प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।
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हौज़ा ए इ्लमिया में हज़रत आयतुल्लाह सय्यद दिलदार अली ग़ुफ़रानमाब मे मनाया गया स्वतंत्रता दिवस
हौज़ा / भारत के 77वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर हौज़ा ए इल्मीया हज़रत आयतुल्लाह सय्यद दिलदार अली ग़ुफ़रनमाब लखनऊ ने स्वतंत्रता दिवस समारोह का आयोजन किया।
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अहलेबैत से रूगर्दानी गुमराही और हलाकत: मौलाना मुस्तफ़ा अली ख़ान
हौज़ा / लखनऊ: इमामबाड़ा मीरन साहब मरहूम मुफ़्ती गंज का ख़दीमी अशरा-ए-मजालिस शब में ठीक ९ बजे मुनअख़िद हो रहा है, जिसे मौलाना मुस्तफ़ा अली ख़ान अदीबुल हिंदी ख़िताब फ़रमा रहे हैं|
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क़ुरान की बेहुरमती ना क़ाबिल-ए-माफ़ी जुर्म: मौलाना मुस्तफ़ा अली ख़ान
हौज़ा / लखनऊ: इमामबाड़ा मीरन साहब मरहूम मुफ़्ती गंज का ख़दीमी अशरा-ए-मजालिस शब में ठीक ९ बजे मुनअख़िद हो रहा है, जिसे मौलाना मुस्तफ़ा अली ख़ान अदीबुल हिंदी ख़िताब फ़रमा रहे हैं|
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करबला में फ़क़ाहत को जेला मिली: मौलाना मुस्तफ़ा अली ख़ान
हौज़ा / इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम ने अपने बचपन के दोस्त हज़रत हबीब बिन मज़ाहिर अलैहिस्सलाम को ख़त भेज कर करबला बुलाया, हज़रत हबीब अलैहिस्सलाम एक आलिम ओ फ़क़ीह थे, इमाम आली मक़ाम ने उन्हें दावत दे कर रहती दुनिया तक फ़क़ीह और फ़क़ाहत की शान को ज़ाहिर कर दिया।
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मोमिन चापलूसी नहीं कर सकता: मौलाना सैयद अली हाशिम आब्दी
हौज़ा /जब से यह दुनिया बनी है न जाने कितने बड़े बड़े हादसे हुए कि जिस से इंसान कांप गया लेकिन जैसे जैसे वक़्त गुज़रा उस का असर कम हो गया और उन में से ज़्यादा तर हादसे लोग भूल भी गये, लेकिन जो हादसा 10 मुहर्रम 61 हिजरी को करबला में हुआ वह कल भी ताज़ा था और आज भी ताज़ा है, इमाम हसन अ०स० ने इमाम हुसैन अ०स० से फरमाया: जैसा ग़म का दिन तुम्हारा है वैसा कोई दिन नहीं है! इसी तरह इमाम ज़ैनुल आब्दीन अ०स० ने फरमाया: जैसा ग़म का दिन मेरे वालिद (इमाम हुसैन अ०स०) का है वैसा कोई दिन नहीं है!
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रिशवत लेना किसी भी सूरत जायेज़ नहीं: मौलाना सैयद अली हाशिम आब्दी
हौज़ा / इमाम हुसैन अ०स० का साथ देने वालों ने न अपनी जान की परवाह की और न ही अपनी अवलाद और माल की फिक्र की, हज़रत मुस्लिम बिन अक़ील अ०स० को मालूम था कि अगर इमाम हुसैन अ०स० का साथ देंगे तो खुद भी शहीद हों गे, बच्चे भी शहीद होंगे, बीवी को क़ैदी बनाया जाये गा, माल लूटा जाये गा लेकिन आप ने ज़िदगी के आखरी लमहों तक हक़ का एलान किया, ख़ुद शहीद हुए, दो बेटे करबला में शहीद हुए, दो बेटे कूफे में एक साल की क़ैद के बाद शहीद हुए, एक बेटी ताराजी ए ख़ेयाम के दौरान शहीद हुयीं, दूसरी बेटी और बीवी क़ैद हुईं, यज़ीदी हुकूमत ने मदीना में आप के घर को गिरा दिया कि जब आप की बीवी शाम के क़ैदखाने से आज़ाद हो कर मदीना आयीं तो अपने घर को मुंहदिम पाया तो जितने दिन भी ज़िंदा रही कभी इमाम सज्जाद अ०स० के घर रही तो कभी हज़रत ज़ैनब स०अ० के घर रहीं!
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इमाम हुसैन (अ) की अज़ा तौबा मोक्ष का सर्वोत्तम साधन है: मौलाना कल्बे जवाद नकवी
हौज़ा / मौलाना कल्बे जवाद नकवी ने इमाम बारगाह गुफ़रानमाब के संस्थापक आयतुल्लाहिल उज़्मा सैयद दिलदार अली गुफ़रानमाब के बारे में कहा कि जिस दौर में भारत में शियाओं को एक राष्ट्र के रूप में कोई मान्यता नहीं थी, उस समय हज़रत गुफ़रानमाब ने शियाओं को एक राष्ट्र के रूप में एक अलग पहचान दी।
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ईद-ए-ग़दीर के अवसर पर लखनऊ में आयोजित "अबक़ात अल-अनवार नॉलेज कोर्स" का समापन समारोह
हौज़ा / भारत मे वली फ़क़ीह के प्रतिनिधी के कार्यालय और इमामत इंटरनेशनल फाउंडेशन के सहयोग से "अबक़ात अल-अनवार नॉलेज कोर्स" का समापन समारोह क़ुम अल मुक़द्देसा मे आयोजित किया गया था।
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छात्राओं के लिए प्रचारक प्रशिक्षण विषय पर लखनऊ में 15 दिवसीय विशेष कार्यशाला का आयोजन
हौज़ा/ अल-मुस्तफा इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी, भारत शाखा ने संस्कृति एवं प्रशिक्षण एवं जन संचार विभाग के सहयोग से जामिया अल-ज़हरा (स) मुफ़्तीगंज लखनऊ में प्रशिक्षण प्रचारकों के विषय पर एक विशेष कार्यशाला का आयोजन किया।