मंगलवार 23 फ़रवरी 2021 - 22:48
हमारा प्रथम दायत्व धर्म की व्यापक और पूर्ण पहचान है, हुज्जतुल इस्लाम गुलाम रजा बाक़री किआ

हौज़ा/ खुरासान के मदरसा मे फिक्ह और उसूल ( न्यायशास्त्र और सिद्धांतों) के दरसे खारिज के अध्यापक ने "विलायत-ए-फकीह के महत्व" पर एक सत्र में बोलते हुए कहा: इस दुनिया में सबसे पवित्र वास्तविकता ईश्वर और फिर ईश्वर का धर्म है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, न्यायशास्त्र और सिद्धांतों के शिक्षक, हुज्जतुल-इस्लाम वाल-मुसलेमीन गुलाम रज़ा बाक़िरी किआ ने "विलायत-ए-फ़कीह के महत्व" विषय पर एक बैठक में कहा: दुनिया में सबसे पवित्र वास्तविकता ईश्वर और फिर ईश्वर का धर्म है।


एक लाख चौबीस हजार पैगम्बरों (ईश्वरदूतो) ने धर्म की सेवा और रास्ते में बड़ी कठिनाइयों और कष्टों को सहन किया, जो धर्म की महानता को दर्शाता है। इसलिए धर्म को लेकर हमारी कुछ जिम्मेदारियां भी हैं। हमारी पहली जिम्मेदारी धर्म की व्यापक और पूर्ण पहचान है।

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