۴ آذر ۱۴۰۳
|۲۲ جمادیالاول ۱۴۴۶
|
Nov 24, 2024
विलायत-ए-फ़कीह
Total: 2
-
हज़रत अब्बास (अ.स.) पैरावाने विलायत के लिए नमूना-ए- अमल , मुजतबा अली शुजाई
हौज़ा/ अबुल फ़ज़लिल अब्बास अलैहिस्सलाम ने जिस बारीक बिनी से वेलायत को देखा उसको परखा और उसका दिफा किया अगर इस दौर में अबुल फ़ज़लिल अब्बास अलैहिस्सलाम जैसे विलायत का दिफा करने वाले हो तो लाखों यज़ीद करोड़ों शिम्र और उमरे साद पैदा हो जाए और यहां तक कि अगर वे विलायत--ए फ़कीह के विरोध में खड़े हो जाएं वे विलायत को एक तिनके के बराबर खराब नहीं कर सकते।
-
हमारा प्रथम दायत्व धर्म की व्यापक और पूर्ण पहचान है, हुज्जतुल इस्लाम गुलाम रजा बाक़री किआ
हौज़ा/ खुरासान के मदरसा मे फिक्ह और उसूल ( न्यायशास्त्र और सिद्धांतों) के दरसे खारिज के अध्यापक ने "विलायत-ए-फकीह के महत्व" पर एक सत्र में बोलते हुए कहा: इस दुनिया में सबसे पवित्र वास्तविकता ईश्वर और फिर ईश्वर का धर्म है।