हौजा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट अनुसार, लाहौर / जमीयत उलेमा-ए-पाकिस्तान महिला विंग की केंद्रीय अध्यक्ष सैयदा फ़ायजा नकवी ने भारत के साथ व्यापार को कश्मीर मुद्दे की 5 अगस्त की पोज़ीशन पर बहाली से सशर्त फिर से शुरू करने के निर्णय की सराहना करते हुए कहा कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय इस अधिकार का समर्थन नहीं कर रहा है। आत्मनिर्णय अमानवीय, अनैतिक और गैर जिम्मेदाराना है। यह अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों और संयुक्त राष्ट्र की जिम्मेदारी है कि वह कश्मीर मुद्दे और इस्लामिक सम्मेलन (OIC) के संगठन का समाधान करे ताकि पीड़ित कश्मीरियों का समर्थन करने में पाकिस्तान का समर्थन कर सके।
पाकिस्तानी राष्ट्र कश्मीरियों के आत्मनिर्णय के अधिकार और कश्मीर स्वतंत्रता आंदोलन का समर्थन कर रहा है, लेकिन सरकार के कार्यों में निराशा है, संयुक्त राष्ट्र में प्रधानमंत्री के एक भाषण और कश्मीर की विवादित स्थिति के अंत मे शुक्रवार को प्रदर्शन के अलावा उदासीनता का एक शो है। कश्मीर मुद्दे पर भारत की स्थिति के साथ व्यापार को फिर से शुरू करना भी जनता के दबाव का परिणाम है, जिसे जेयूपी सराहना करता है।
फ़ायज़ा नकवी ने कहा कि राष्ट्र का सवाल है कि क्या कश्मीर को ठंडे बस्ते में डालना है या संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के अनुसार राजनयिक संबंधों के माध्यम से लंबे समय से जारी मुद्दे को हल किया जाएगा, क्योंकि कश्मीर मुद्दे को हल किए बिना क्षेत्र में शांति नहीं हो सकती है।समाज के उत्पीड़ित कश्मीरियों की आवाज सुनो।