हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, ईरान की इस्लामी क्रांति की सफलता के बाद से लेकर अब तक मराज-ए तक़लीब के चुनाव से संबंधित बयानात, नजरयात और सवाल व जवाब को " मरजेईयत और चुनाव " शीर्षक को विभिन्न संख्याओं में बयान किया जाएगा। यहां चुनाव के संबंध में स्वर्गीय इमाम खुमैनी के कथन को बयान किया जा रहा है।
चुनाव में शिरकत के संबंध में स्वर्गीय इमाम खुमैनी का कथन :
"यह (चुनाव मे शिरकत) एक दिव्य (इलाही), राष्ट्रीय और मानवीय कर्तव्य है और जैसे कि यह एक जिम्मेदारी है जिसे हमें पूरा करना चाहिए। हम सभी को चुनाव में भाग लेना चाहिए।"
स्रोत: साहिफ़ा-ए इमाम, खंड 1, पेज 318