हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, ईरान की इस्लामी क्रांति की सफलता के बाद से लेकर अब तक मराज-ए तक़लीब के चुनाव से संबंधित बयानात, नजरयात और सवाल व जवाब को " मरजेईयत और चुनाव " शीर्षक को विभिन्न संख्याओं में बयान किया जाएगा। यहां पर ईरान की इस्लामी क्रांति के संस्थापक स्वर्गीय इमाम खुमैनी की चुनाव से संबंधित कुछ नसीहतो को बयान किया जा रहा है।
ईरान की इस्लामी क्रांति के संस्थापक स्वर्गीय इमाम खुमैनी की चुनाव से संबंधित कुछ नसीहते :
उन्होंने कहा, "प्रत्याशियों और उनके समर्थकों से अपेक्षा की जाती है कि वे अपने उम्मीदवार (उम्मीदवार) के चुनाव अभियान में इस्लामी और मानवीय नैतिकता प्रदर्शित करें और अपने विरोधियों की इस तरह से आलोचना न करें कि उन्हें बदनाम किया जाए।"
मेरी इच्छा है कि जो समूह इस्लामिक गणराज्य से प्यार करते हैं और इस्लाम की सेवा करते हैं, वे अपने चुनाव अभियान और अपने पसंदीदा उम्मीदवार के चुनाव अभियान में अपने हाथ से बाहर नहीं निकलने देंगे क्योंकि विभाजन और मतभेद उनके दोस्तों को परेशान करते हैं और यह दुश्मन बना देता है। सफल और नकारात्मक प्रचार की ओर जाता है। ”
स्रोत: साहिफ़-ए इमाम, भाग 1, पेज 318