हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,खानहे फरहांग, इस्लामी गणतंत्र ईरान, मुल्तान में इमाम खुमैनी की 32वीं बरसी पर समारोह में उलेमा,और खोतेबा ने अपने भाषणों में इमाम खुमैनी( र.ह.)कि अमली ज़िन्दगी को अपनाने पर ज़ोर देते हुए कहां कि जब काम के प्रति समर्पण हो तो बाहर बैठकर भी अपने वतन की तकदीर बदली जा सकती है।आज इस्लामी क्रांति लगातार सफलता प्राप्त कर रही है।
मुल्तान में एक खूबसूरत समारोह का आयोजन किया गया। जिस में खानम ज़ाहिदा बुखारी, अल्लामा मुजाहिद अब्बास गरदेजी, सज्जादा नशीन दरबार हजरत शाह शम्स तबरीजी मखदूम औन रज़ा शम्सी, मौलाना गुलाम मुस्तफा खान, नूरुल अमीन खाकवानी, पीर ओबैदुल्लाह सदर पुरी, एम सलीम दरबारी और अन्य ने समारोह को संबोधित किया।
नेताओं ने अपने भाषणों में इमाम खुमैनी र.ह.के व्यावहारिक जीवन को अपनाने का आह्वान किया। नेताओं ने कहा कि काम के प्रति समर्पण होने पर बाहर बैठकर भी अपनी मातृभूमि की नियति बदली जा सकती है। आज इस्लामी क्रांति लगातार सफलता प्राप्त कर रही है। प्रतिबंध, ईरानी सर्वोच्च नेता की स्थापना सराहनीय है।