۱۵ تیر ۱۴۰۳ |۲۸ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 5, 2024
आबे ज़मज़म

हौज़ा / मस्जिदुल हराम में अब ज़मज़म का पानी रोबोट बांटेगा। ख़ासकर ऐसे समय में जब दुनिया कोरोना वायरस जैसी महामारी से जूझ रही है। यह तकनीक मस्जिदुल हराम के तीर्थयात्रियों की स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए फ़ायदेमंद साबित होगी। सऊदी अरब प्रशासन ने कोरोना वायरस महामारी फैलने के बाद से अबतक पवित्र स्थलों और तीर्थयात्रियों की सुरक्षा को मद्देनज़र रखते हुए लिए पवित्र स्थलों के कई नियमों और कार्यों में कई बड़े बदलाव किए हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, अलअरबिया समाचार ने सूचना दी है कि सऊदी अरब में मौजूद मुसलमानों के सबसे पवित्र स्थलों, मस्जिदुल हराम और मस्जिदे नबवी के जनरल प्रेसीडेंसी ने ऐसे रोबोटों का अनावरण किया है जो अब वहां जाने वाले श्रद्धालुओं के कार्यों को अंजाम देंगे। सऊदी अरब की मीडिया के अनुसार, कोरोना काल में रोबोट बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के मस्जिदुल हराम पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को ज़मज़म के पानी की बोतलों को बांटेगा। रोबोट के उद्घाटन के मौक़े पर बोलते हुए, मस्जिदुल हराम और मस्जिदे नबवी के जनरल प्रेसीडेंसी के अधीक्षक डॉक्टर अब्दुल रहमान अलसदीस ने कहा कि आधुनिक तकनीक सामाजिक सेवाओं के लिए आवश्यक हो गई है, ख़ासकर ऐसे समय में जब दुनिया कोरोना वायरस जैसी महामारी से जूझ रही है। उन्होंने कहा कि यह तकनीक मस्जिदुल हराम के तीर्थयात्रियों की स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए फ़ायदेमंद साबित होगी।

मस्जिदुल हराम और मस्जिदे नबवी के जनरल प्रेसीडेंसी के अधीक्षक ने बताया है कि, रोबोट ज़मज़म के पानी की बोतलों को बिना किसी बाधा के हरामैन शरीफ़ैन के तीर्थयात्रियों तक पहुंचा रहे हैं। बताया जाता है कि, सऊदी अरब के पवित्र तीर्थस्थलों का प्रशासन दैनिक आधार पर मस्जिदुल हराम के अंदर ज़मज़म के पानी के 50 से अधिक नमूने एकत्र करता है और उसकी जांच करता है। जिसके बाद वह इस बात की पुष्टि करता है कि, आबे ज़मज़म का नेटवर्क कीटाणुओं और दूषित पदार्थों से मुक्त है। उल्लेखनीय है कि, सऊदी अरब प्रशासन ने कोरोना वायरस महामारी फैलने के बाद से अबतक पवित्र स्थलों और तीर्थयात्रियों की सुरक्षा को मद्देनज़र रखते हुए लिए पवित्र स्थलों के कई नियमों और कार्यों में कई बड़े बदलाव किए हैं।

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