۱۳ تیر ۱۴۰۳ |۲۶ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 3, 2024
मौलाना मुहम्मद मेराज रन्नवी

हौज़ा /  जब आप रोजे की हालत मे प्यास महसूस करते हैं, तो कर्बला के मज़लूम बच्चों की प्यास याद करें जहां नहरे फरात का ठंडा और मीठा पानी लहरें मार रहा था और हुसैन मजरूम का दुधमोहा बच्चा प्यास से तड़प रहा था।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, तमिलनाडु के चेन्नई में भारत के प्रख्यात धार्मिक विद्वान हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन मौलाना मुहम्मद मेराज रन्नवी ने मस्जिदे अल-क़ायम ट्रैली केन में संबोधित करते हुए कहा कि रमजान के पवित्र महीने में मासूमीन (अ.स.) के तरीके से रोज़ा रखा जाए और उनके निर्देशों का पालन करें, ताकि हम इस मुबारक महीने में और अधिक पुरस्कारों के हकदार हो सकें।

उन्होंने कोरोना जैसी घातक महामारी के खिलाफ एहतियाती कदम उठाने का भी आग्रह किया और कहा कि जब उन्हें रोजे के दौरान प्यास लगती है, तो कर्बला के मजलूम बच्चों की प्यास को याद करना चाहिए, जहां नहर का साफ, ठंडा और मीठा पानी लहरें मार रहा था। और हुसैन मजलूम का दूधमोहा छह महीने का बच्चा प्यास से तड़प रहा था। इमाम मजलूम अपने बच्चे के लिए पानी मांगते रहे थे, लेकिन हुरमला ने तीन भाल के तीर से छः महीने के बच्चे का गला छेद दिया और बच्चे के गले से खून बहने लगा। मजलूमे कर्बला ने अपने चेहरे पर खून मल कर आवाज दी, खुदाया तू गवाह रहना  इन अत्याचारियों ने मेरे बच्चे को कैसे मारा, मैं इसी हालत मे तुझ से मुलाकात करूंगा।

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