हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट अनुसार, अल्लामा सैयद सरकार हैदर तकवीं नजफी साहब अलल्लाहो मक़ामाहू नौगावां सादात के बुज़ुर्ग आलिमो में से थे। आप के इंतेकाल की ख़बर सुनकर हम अहले बास्टा को बहुत अफ़सोस हुआ। बास्टा से आप का क़रीबी रिश्ता था। आप का ताल्लुक़ बास्टा सादात से था आप के अजदाद तक़रीबन 290 साल पहले मिलक सब्दलपुर से निकल कर नौगावां सादात जाकर आबाद हुए। आप एक बेहतरीन आलिम के साथ साथ हकीम भी थे। आप एक अच्छे खतीब, मुदर्रिस, और एक अच्छे मुसन्निफ थे। आप ने 5 किताबे लिखीं है।और तक़रीबन 65 se 70 साल ज़िक्र ए अहलेबेत (अo) किया और 83 साल की उम्र में आप इस दुनिया को अलविदा कह गए।
अहले बास्टा ने जब आप से सन् 2013 में मोहर्रम में अशरा पढ़ने के लिए इसरार किया तो आप हमारी छोटी सी इल्तेजा पर लब्बैक कहते हुए बास्टा तशरीफ़ लाए। और सब बास्टा वालो से मिलकर बहुत खुश हुए। और जितने दिन बास्टा रहे आयतुल्ला सैय्यद मोहम्मद सहाब (जनाब) अलल्लाहो मक़ामाहू को याद करते रहे क्योंकि आयतुल्ला सैय्यद मोहम्मद सहाब (जनाब) अलल्लाहो मक़ामाहू से आप के बहुत अच्छे ताल्लुक़ात थे। और जनाब ने बताया था। की अल्लामा सैयद सरकार हैदर तकवीं नजफी साहब अलल्लाहो मक़ामाहू का ताल्लुक़ बास्टा सादात से है।
हम सभी अहले बास्टा मरहूम के बुलंदीए दरजात की दुआ करते है और खुदावंदे आलम घर वालो को इस अज़ीम मुसीबत को बर्दाशत करने और उस पर सब्र करने की तोफीक़ अता करे। आमीन
मिनजानिब अहले बास्टा
ज़िला बिजनौर उत्तर प्रदेश