۱۳ تیر ۱۴۰۳ |۲۶ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 3, 2024
حجت الاسلام سید انتظار حسین نقوی (ہندی) اعلی اللہ مقامہ

हौज़ा/ आप एक बेहतरीन मनाज़िर थे आपने हिंदुस्तान के विभिन्न जग्गू जगहों पर मुनाज़ेरा किया जिसके नतीजे में पूरनिया बिहार हिंद में तकरीबन एक हज़ार लोगों ने मजहबे हक़ और इस्लाम को कुबूल किया, और इसके अलावा भी काफी लोगों ने मुख्तलिफ जगहों पर मजहबे हक़ कुबूल किया और आपने बहुत सारी किताबें लिखी है जो मशहूर है। आपको तालीफ और तसनीफ का बहुत शौक था,

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, आपका नाम सैय्यद इंतजार हुसैन नक़वी और पिता का नाम सैय्यद इफ्तेखार हुसैन साहब मरहूम हैं। आप 26 मार्च 1925 में आपका जन्म अमरोहा उस्मानपुर में हुआ।

अपनी प्राथमिक शिक्षा पूरी करने के बाद, उन्होंने मदरसा बाबुल इल्म नौगांवा सादात में रहकर तालीम हासिल की और फिर एक बेहतरीन टीचर का रोल अदा किया उसी मदरसे में अपनी शिक्षा प्राप्त करने के बाद, वह विभिन्न अफ्रीकी के देशों में तबलिग करने लगे 1954 में तंजानिया 1958 दंगा 1961 भटूरा और 1980 में मडागास्कर में मज़हबे हक़ कि तब्लिग कि 1982 में हिंदुस्तान वापस आकर इमामिया हाल दिल्ली में 7 साल तक इमामे जुमआ के फराइज़ अंजाम देते रहे।

4 साल मुसलसल मेमन सादात जिला बिजनौर में इमामे जुमआ और जमाअत और एहकाम की क्लास लेते रहे उसके अलावा 14 साल इसी जगह मुसलसल मजलिस को खिताब किया।

इसके अलावा वे मुर्शिदाबाद, कनुदार, गुजरात में तबलिग करते रहे, आप एक बेहतरीन मनाज़िर थें आपने हिंदुस्तान के विभिन्न जगहों पर मुनाज़िरा किया और जिसके नतीजे में पूरनिया बिहार हिंद में तकरीबन एक हज़ार लोगों ने मजहबे हक़ और इस्लाम को कुबूल किया, और इसके अलावा भी काफी लोगों ने मुख्तलिफ जगहों पर मजहबे हक़ कुबूल किया और आपने बहुत सारी किताबें लिखी है जो मशहूर है।

आपको तालीफ और तसनीफ का बहुत शौक था, आपकी लिखी हुई पुस्तक:
1)सुतूने सदाकत 3भाग,
2) तलाशे हक़
3) आईनह के दोज़क
4)इमाम हुसैन अ.स. और मुसलमान
5) अज़ादारी सैय्यद शोहदा पर एक नज़र
6) दर्दे दिल और है राज़े दिल और
7) इज़हारे हक़


और बहुत सारी किताबें उन्होंने लिखी जिसको यहां पर इस इख्तिसार से बयान किया गया है। आप का निधन 5 मार्च 1998 को अमरोहा में हुआ

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