हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, कराची/अल्लामा हसन ज़फ़र नक़वी ने इमामबारगाहे बू तुराब अजीजाबाद में मुहर्रम की पहली मजलिस को संबोधित करते हुए कहा कि कर्बला में सैय्यदुश्शोहदा और उनके साथियों के बलिदान ने हमेशा हमेशा के लिए हक़ व सदाक़त के परचम का सर बुलंद कर दिया।
उन्होंने कहा कि इस्लाम के रास्ते में कर्बला के लोगों का बलिदान मानव जाति के इतिहास का एक ऐसा सुनहरा अध्याय है। अंसारे हुसैनी ने कर्बला में निस्वार्थता (ईसार) और वफादारी का एक ऐसा बाब रक़म कर दिया जिसकी मिसाल नही मिलती।
उन्होंने आगे कहा कि कर्बला दुनिया भर में उत्पीड़ितों को प्रोत्साहित करता है। कर्बला आलमे इस्लाम का मतभेद नही बल्कि एकता और एकजुटता का केंद्र है। और इस्लाम की रक्षा का सबसे बड़ा मोर्चा है।