हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , तालिबान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अब्दुल कह्हार बल्खी ने कहा कि वह शिया-सुन्नी मुसलमानों के बीच इ के हवाले से
इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाहिल उज़्मा सैयद अली ख़ामनेई के बयान का स्वागत करते है।
उन्होंने कहा,कि इत्तेहादे के ज़रिए अफगानिस्तान ने आज़ादी हासिल की है और इंशाल्लाह इत्तेहाद के ज़रिय दुश्मनी पैदा करने वाली सज़िशों को नाकाम बना देंगे,
तालिबान के राजनीतिक कार्यालय के प्रवक्ता मोहम्मद नईम ने भी कहा: कि वह इत्तेहादे बैनुल मुस्लिमीन के बारे में इस्लामी क्रांति के नेता के बयान का स्वागत करते हैं।
गौरतलब यह बात हैं कि इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाहिल उज़्मा सैयद अली ख़ामनेई ने वहदत इस्लामी कॉन्फ्रेंस में ताकीद की है,कि अफगानिस्तान में बम विस्फोट शिया-सुन्नी मतभेदों का परिणाम हैं।
इसी तरह इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाहिल उज़्मा सैयद अली ख़ामनेई ने फरमाया था कि ईरान में मुसलमानों के दरमियां इत्तेहाद पर ज़्यादा ज़ोर देने की वजह से यह है कि आज शिया सुन्नी संप्रदायों के बीच विभाजन फैलाने का निरंतर प्रयास किया जा रहा है।
आप देखिए, अमेरिकी राजनीतिक साहित्य में शिया और सुन्नी शब्द का इस्तेमाल पिछले कुछ वर्षों से किया जा रहा है, जबकि वास्तव में वे इस्लाम के खिलाफ हैं, लेकिन शिया सुन्नी मुद्दे को छोड़ नहीं रहा है।