۱ آذر ۱۴۰۳ |۱۹ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 21, 2024
حجت الاسلام والمسلمین علی عباسی

हौज़ा/ अध्यापक हौज़ाये इल्मिया:इमाम हसन अ.स.ने परिवारिक फितना और फसाद पर सब्र किया, और यही संदेश मिलता है पैगंबर की जिंदगी से और उनकी सीरत से.

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,कज़्विन /ईरान हुज्जतुल-इस्लाम मौलाना अली अब्बासी ने हज़रत रसूल अल्लाह स.ल.व.व.कि वफात और हज़रत इमाम हसन अ.स.और इमाम रज़ा अ.स कि शहादत की मुनासिबत से कहां,किसी समाज की स्थिरता प्रत्येक व्यक्ति की स्थिरता से जुड़ी होती है, इसलिए किसी भी समाज में प्रवेश करने से पहले प्रत्येक व्यक्ति का यह कर्तव्य है कि वह स्वयं को प्रशिक्षित और शिक्षित करे।
उन्होंने आगे कहा कि पैगंबर की हमेशा कोशिश रही है कि समाज से जाहिलीयत और बुराई को खत्म करना इसको खत्म करने के लिए पैगंबर को बहुत तकलीफ उठानी पड़ी.

काज़्विन के मदरसे के शिक्षक ने कहा: पवित्र पैगंबर (स.ल.व.व.) हमारी सभी समस्याओं में हमारे आदर्श हैं।

वह हमारे जिंदगी में हिदायत के जैसे है। वह हमेशा उत्पीड़ितों, अनाथों, वंचितों का समर्थन करना और उत्पीड़कों से लड़ना इस्लाम के पैगंबर के नैतिक और धार्मिक कर्तव्यों में से एक है।
  मौलाना ने कहा, इसी तरीके से हर इमाम ने कोशिश की है की समाज से बुराई को खत्म किया जाए,इमाम हसन अ.स.ने परिवारिक फितना और फसाद पर सब्र किया, और यही संदेश मिलता है पैगंबर की जिंदगी से और उनकी सीरत से. कि समाज से अंदर से अगर बुराई को खत्म करना है तो सब्र से काम लेना होगा.

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