हौज़ा न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, मराज-ए- तक़लीद और उलेमा ने अपने अलग-अलग बयानों में 18 जून के ईरानी राष्ट्रपति और स्थानीय चुनावों में भाग लेने के लिए जनता को आमंत्रित किया है।
जिन मराज-ए तक़लीद और उलेमा ने जनता को चुनाव मे भाग लेने के लिए आमंत्रित किया है उनका विवरण इस प्रकार है:
हज़रत आयतुल्लाह मकारिम शिराज़ी:
चुनाव में भाग लेना एक दैवीय और सामूहिक कर्तव्य होगा और इससे देश की गरिमा मे स्थिरता आएगी।
हज़रत आयतुल्लाह अलवी गुरगानी:
जीवन के विभिन्न भागो से संबंध रखने वाले 18 जून को होने वाले चुनाव में बढ़ चढ़ कर भाग ले और इस संवेदनशील अवसर को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
हज़रत आयतुल्लाह मज़ाहेरी:
ईरान का महान और धैर्यवान राष्ट्र एक बार फिर देश के हितों, देश के भविष्य और इमाम खुमैनी (र.अ.) और शहीदों की अमानत की रक्षा के लिए अपनी जिम्मेदारी (चुनाव में भागीदारी) को पूरा करेगा।
हज़रत आयतुल्लाह नूरी हमदानी:
आज चुनावों में भाग लेना बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इस्लामी व्यवस्था के दुश्मन लोगों को चुनाव में दिलचस्पी लेने से रोकने की कोशिश कर रहे हैं।
हज़रत आयतुल्लाह जवादी आमोली:
प्रत्येक कार्य और अमल जो इस्लामी व्यवस्था, इमाम खुमैनी (र.अ.) और प्यारे शहीदों के लक्ष्यों को कमजोर करने का कारण बने वो शरअन जायज़ नही हराम है।
हज़रत आयतुल्लाह जाफ़र सुबहानी:
देश के हितों की रक्षा और इस्लामी व्यवस्था को मजबूत करने के लिए, सभी चुनावों में भाग लें और मोमिन, दीनदार, मुदब्बिर व्यक्ति को वोट दें।