हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, निम्नलिखित रिवायत "तोहफ़ा-ए-अक़ूल" किताब से ली गई है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
قال رسول الله صلى الله عليه و آله وسلم:
اَلا اَدُلُّكُمْ عَلى خَيْرِ اَخْلاقِ الدُّنيا وَ الآخِرَةِ؟ تَصِلُ مَنْ قَطَعَكَ وَ تُعْطى مَنْ حَرَمَكَ وَ تَعْـفُو عَمَّـنْ ظَلَمَكَ
पैगंबर अकरम (स.अ.व.व.) ने फ़रमाया:
क्या मैं तुम्हे दुनिया और आख़ेरत में सर्वोत्तम नैतिकता (बहतरीन अख़लाक) के बारे में बताऊं?
वह यह कि जो तुम से संबंध तोड़ दे तुम उसके साथ संबंध स्थापित करो, जो तुम्हें वंचित करे उन्हें अता करो और जो तुम्हारे साथ अन्याय करे उन्हें क्षमा कर दो।
तोहफ़ा-ए-अक़ूल, पेज 35