۱۳ تیر ۱۴۰۳ |۲۶ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 3, 2024
दिन की हदीस

हौज़ा / हज़रत इमाम जाफ़र सादिक़ (अ.स.) ने एक रिवयत में उस व्यक्ति के अच्छे भाग्य की ओर इशारा किया है जो हज़रत हुज्जत (अ.त.फ.श.) के ज़हूर का इंतेज़ार करने वाले व्यक्ति के आक़ेबत बाख़ैर होने की ओर इशारा किया है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, निम्नलिखित कथन "कमालुद्दीन" पुस्तक से लिया गया है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:

قال الامام الصادق علیہ السلام:

مَن ماتَ مُنتَظِرًا لِهذَا الأَمرِ كانَ كَمَن كانَ مَعَ القائِمِ في فِسطاطِهِ ، لا بَل كانَ كَالضّارِبِ بَينَ يَدَي رَسولِ اللّه ِ صلي الله عليه و آله بِالسَّيفِ

हज़रत इमाम जाफ़र सादिक़ (अ.स.) ने फ़रमायाः

जो कोई इस अम्र (ज़हूरे क़ायम) की प्रतीक्षा में इस दुनिया से चला जाए तो वह उस व्यक्ति के समान है जो हज़रत हुज्जत (अ.त.फ़.श.) के साथ उनके ख़ैमे में हो। इतना ही नहीं, बल्कि वह उस व्यक्ति के समान है जो रसूल (स.अ.व.व.) की संगति में तलवार से जेहाद करे।

कमाल-उद-दीन: इब्न उमर के अधिकार पर 2/3

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