۱۵ تیر ۱۴۰۳ |۲۸ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 5, 2024
मौलाना कंबरी

हौज़ा / ख़तीब-ए-जश्न ने कहा कि यह इमाम ज़ैनुल आबेदीन के दिल और उच्च आत्माएं थीं जिन्होंने उम्माह के लिए उपदेश और प्रार्थना के रूप में साहिफ़ा-ए-सज्जादिया और रिसाला-ए-हक़ूक का अनमोल उपहार दिया।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, नई दिल्लीर / मानवता और राष्ट्रीय विकास के उत्थान के लिए कुरान की शिक्षाओं और हजरत मासूम की जीवनी को याद किया जाना चाहिए और ज्ञान और बुद्धि के बिना यहां पहुंचना संभव नहीं है। ये तथ्य अहल-ए-बैत के खतीब, सैयद क़मर अब्बास क़ंबार नकवी सिरसिवी द्वारा हजरत हैदर कर्रार इमाम अली इब्न अल-हुसैन ज़ैनुल अबेदीन की जयंती के अवसर पर व्यक्त किए गए।

उन्होंने कहा कि इमाम ज़ैनुल आबेदीन की इतनी महान और मार्गदर्शक भूमिका है कि सीरिया के गरीबों जैसी भयानक और क्रूर परिस्थितियों में भी शरिया की गरिमा को धूमिल नहीं होने दिया गया। ख़तीब-ए-जश्न ने कहा कि यह इमाम ज़ैनुल आबेदीन के दिल और उच्च आत्माएं थीं जिन्होंने उम्माह के लिए उपदेश और प्रार्थना के रूप में साहिफ़ा-ए-सज्जादिया और रिसाला-ए-हक़ूक का अनमोल उपहार दिया।

मुहम्मद मुर्तजा नकवी द्वारा पवित्र कुरान के पाठ से आरम्भ होने वाले जश्न के इस वक्ता ने कहा कि प्रत्येक बुद्विमान व्यक्ति प्रत्येक हुनर और सिफत के लिए तर्क चाहता है किंतु आज मोमिन की पहचान इतनी मजलूम हो चुकी है कि इसमे तर्क बयान करने की आवश्यकता नही है वह प्रत्येक व्यक्ति मोमिन पुकारा जाता है जो अहलेबैत से प्यार करने का दावा करने वाले घर में पैदा होता है, जबकि इमाम ज़ैनुल अबेदीन आस्तिक के लक्षण बताते हुए कहते हैं कि मोमिन एकांत में तकवा इख्तियार करता है, दरिद्रता मे दान करता है, मुसीबत मे धैर्य रखता है , सच्चा और सहनशील होता है।

खतीब जशन ने दुआईया शब्दो में कहा, "आइए हम हज़रत इमाम अली इब्न अल-हुसैन ज़ैनुल अबेदीन (अ.स.) के जन्म के धन्य अवसर पर प्रतिज्ञा करें कि हम जीवनी का अनुसरण करके इन व्यक्तित्वों के साथ अपने संबंधों को मजबूत करेंगे। हमारा जीवन कुरान की शिक्षाओं और पैगंबर मुहम्मद और उनके परिवार के जीवन के तरीके को प्रतिबिंबित करेगा।

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