۱۳ تیر ۱۴۰۳ |۲۶ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 3, 2024
शिक्षक

हौज़ा / मौलाना सैयद हुसैन हैदर क़द्र नकवी ने कहा कि मरजाअ का सम्मान हर किसी पर अनिवार्य है और मराजा ए इकराम के इनकार करने वाले को मुस्लिम कहलाने का अधिकार नहीं है जैसा कि अल्लामा डॉ अब्दुल हादी अल-फजली ने अपनी पुस्तक इमामिया अक़ाइद में लिखा है। ओलेमा और फ़ोक़्हा इमाम के उत्तराधिकारी है जिसने इनका खंडन और विरोध किया उसने इमाम (अ.स.) का खंडन और विरोध किया और सूफियों को मुसलमानों से बाहर रखा जाता है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, गुजरात के कानोदर में हौज़ा ए इल्मिया इमाम हसन अस्करी (अ.स.) के सभी शिक्षकों ने अपने छात्रों को मराजा ए इकराम की स्थिति और महानता के बारे में समझाया और कहा कि मराजा ए इकराम इमाम के उत्तराधिकारी है।

मौलाना सैयद हुसैन हैदर क़द्र नकवी ने कहा कि मरजाअ का सम्मान हर किसी पर अनिवार्य है और मराजा ए इकराम के इनकार करने वाले को मुस्लिम कहलाने का अधिकार नहीं है जैसा कि अल्लामा डॉ अब्दुल हादी अल-फजली ने अपनी पुस्तक इमामिया अक़ाइद में लिखा है। ओलेमा और फ़ोक़्हा इमाम के उत्तराधिकारी है जिसने इनका खंडन और विरोध किया उसने इमाम (अ.स.) का खंडन और विरोध किया और सूफियों को मुसलमानों से बाहर रखा जाता है। उन्होंने शिया जगत की सेवा में संवेदना व्यक्त की और कहा कि उनकी कमी हमेशा महसूस की जाएगी।

मौलाना सैयद यासीन हुसैन आबिदी, मौलाना सैयद मुहम्मद मियां जैदी, मौलाना मुहम्मद असलम मारूफी और मौलाना सैयद हुसैन हैदर क़द्र नकवी भी इस अवसर पर उपस्थित थे। इस दर्दनाक अवसर पर संवेदना व्यक्त की।

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