۱۵ تیر ۱۴۰۳ |۲۸ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 5, 2024
अल क़ायम

हौज़ा / ऐसे निष्कपट विद्वानों का संसार से जाना एक ऐसा ख़ला है जो कभी भरा नहीं जा सकता। बेशक, आपकी पुस्तकें, छात्र, धार्मिक छात्रों का समर्थन, तीर्थयात्रियों की सेवाएं और मोमेनीन के साथ हर तरह का सहयोग हमेशा आपको याद रखेगा। और आप इन्दल्लाह माजूर होंगे।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा सैयद मोहम्मद सईद अल-हकीम (र.अ.) के स्वर्गवास पर मदरसा ए इल्मिया अल-क़ायम (अ.त.फ.श.) क़ुम ईरान की ओर से दुख व्यक्त करते हुए शोक संदेश भेजा है। जिसका पूरा पाठ इस प्रकार है;

इन्ना लिल्लाहे वा इन्ना इलैहे राजेऊन

बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्राहीम
क़ाला अमीरुल मोमेनीन (अ.स.) इज़ा मातल आलिमो सुलिमा फ़िल इस्लामे सुलमतन ला यसुद्दोहा शैउन एला यौमिल क़ियामाह 
अय्यामे अज़ा और सैय्यदुस्साजेदीन हज़रत इमाम अली इब्निल हुसैन की शहादत के दिन आलमे तशय्यो के अज़ीमुल मरतबत मरजा ए आली क़द्र आयतुल्लाहिल उज़्मा सैय्यद मोहम्मद सईद अल-हकीम (र.अय) के स्वर्गवास के साथ, मोमेनीन के बीच और अधिक सोग छा गया है। आपने अपने जीवन का अधिकतर हिस्सा दीन और अहलेबैत (अ.स.) की सेवा मे व्यतीत किया और इस मार्ग मे जान लेवा इस्लाम के दुश्मनो के अत्याचार सहे। दीनी सेवा और मानवीय समर्थन के लिए आपको इराक की कालकोठरी मे जिन अत्याचारो का सामना करना पड़ा उन्हे सुनकर आज भी आत्मा कांप उठती है और दिल तड़पने लगता है। उपमहाद्वीप और अफ्रीका महाद्वीप के मोमेनीन के प्रति आपकी श्रृद्धा और महान सेवा को कभी नहीं भूलाया जा सकता। निश्चित रूप से ऐसे निष्कपट विद्वानों का संसार से जाना एक ऐसा ख़ला है जो कभी भरा नहीं जा सकता  बेशक, आपकी पुस्तकें, छात्र, धार्मिक छात्रों का समर्थन, तीर्थयात्रियों की सेवाएं और मोमेनीन के साथ हर तरह का सहयोग हमेशा आपको याद रखेगा। और आप इन्दल्लाह माजूर होंगे।
हम इस महान त्रासदी पर  इमामे वक्त अरवाहना लहूल फिदा, मराजा ए इकराम, शिया राष्ट्र विशेष रूप से उनके प्रियजनों और रिश्तेदारों की सेवा में अपनी संवेदना व्यक्त करते हैं, और हम अल्लाह ताला से दुआ करते हैं कि मरहूम ओ मग़फ़ूर को उनके अजदादे ताहेरीन के साथ महशूर करे। 

शरीके ग़म:
मदरसा ए अल क़ायम के अधिकारी, शिक्षक और छात्र

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