۱۸ تیر ۱۴۰۳ |۱ محرم ۱۴۴۶ | Jul 8, 2024
कल्बे जवाद

हौज़ा/आयतुल्लाह सैय्यद मोहम्मदी रय शहरी आस्ताने मुकद्दस शाह अब्दुल अज़ीम हसनी के खादिम थें,हौज़ाये इल्मिया क़ुम की महान ईल्मी शख्सियत और दर्जनों किताबों के लेखक और दारुल हदीस के संस्थापक थें आपके निधन से शिया जगत को बहुत नुकसान हुआ है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,मजलिसे उलेमाये हिंद, लखनऊ के महासचिव मौलाना सैय्यद क्लबे जवाद नक़वी ने हज़रत आयतुल्लाह सैय्यद मोहम्मदी रय शहरी के निधन पर दुख व्यक्त करते हुए शोक संदेश भेजा हैं।


उनका शोक संदेश कुछ इस प्रकार है:
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम
इन्ना लिल्लाहे व इन्ना इलाही राजेऊन

إِذَا مَاتَ الْعَالِمُ ثُلِمَ فِي الْإِسْلَامِ ثُلْمَةٌ لَا يَسُدُّهَا شَيْءٌ إِلَى يَوْمِ الْقِيَامَةِ
आस्ताने मुकद्दस शाह अब्दुल अज़ीम हसनी के खादिम हज़रत आयतुल्लाह सैय्यद मोहम्मदी रय शहरी के निधन की खबर सुनकर बहुत दुख हुआ
उनकी शिक्षा ,राजनीति और समाज के विभिन्न क्षेत्रों में बहुमूल्य सेवाएं हैं, जिसमें उन्होंने एक खादिम के रूप में हज़रत शाह अब्दुल अज़ीम हसनी अ.स. के आस्थान की सेवाएं की हैं, जहां उनकी तमाम सेवाओं की सराहना की जाए उन्हीं में से उन्होंने दर्जनों किताबों को भी लिखा है जो लोगों के लिए एक फायदेमंद साबित हुई हैं,और छात्रों का प्रशिक्षण बहुत ही ईमानदारी और इस क्रांतिकारी मौलवी की मुख्य विशेषताओं में से एक हैं, आप के निधन से शिया जगत के लिए एक बहुत बड़ी क्षति हैं।


हज़रत आयतुल्लाह सैय्यद मोहम्मदी रय शहरी के निधन पर हम इस दु:खद घड़ी में हज़रत इमामे ज़माना अलैहिस्सलाम और परिवार वालों की सेवा में अपनी संवेदना व्यक्त करते हैं और अल्लाह तआला से दुआ करते हैं कि मरहूम के दरजात को बुलंद फरमाएं परिवार वालों को सब्र अता करें।

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